औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद जिले में सुखाड़ (Drought in Aurangabad) की मार से किसान अभी उबरे भी नहीं थे कि धान की फसल में मधुआ कीट का प्रकोप शुरू हो गया. मधुआ कीट का आतंक धान की फसल के ऊपर एक महामारी के रूप फैल रहा है. इस बार औरंगाबाद जिले के कई प्रखंडों में में सुखाड़ के कारण धान की रोपाई नहीं हुई थी. जिले के कुल भूभाग के 20 से 25 प्रतिशत में ही खरीफ फसल की रोपाई हुई है. वहीं मधुआ कीट का प्रकोप इतना भयंकर है कि अब धान की फसल को बचा पाना मुश्किल हो गया है.
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किसान सलाहकार ने नहीं पूछा हाल: सदर प्रखंड के परसी गांव के किसान मनोज कुमार ने बताया कि उनके गांव में लगभग 1 हजार बीघा से अधिक के रकबे में मधुआ कीट का प्रकोप हो गया है. इस कीट के प्रकोप से फसल अचानक सूखने लगती है. किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारी तथा कर्मचारियों की उदासीन कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया है. उनका कहना है कि हर पंचायत में सरकार के द्वारा एक किसान सलाहकार को रखा गया है जो किसान की हर समस्या से विभाग को अवगत कराएंगे. किसान सलाहकार किसी भी दिन किसानों से मिलने नहीं आते हैं. जिसकी वजह से कृषि में उत्पन्न समस्या की सही जानकारी समय से जिला प्रशासन को नहीं मिल पाती है. जबतक विभाग तक सूचना पहुंचती है तब तक फसल चौपट हो जाती है.
"गांव में लगभग 1 हजार बीघा से अधिक के रकबे में मधुआ कीट का प्रकोप हो गया है. इस कीट के प्रकोप से फसल अचानक सूखने लगती है. हर पंचायत में सरकार के द्वारा एक किसान सलाहकार को रखा गया है, जो किसान की हर समस्या से विभाग को अवगत कराएंगे. लेकिन किसान सलाहकार किसी भी दिन किसानों से मिलने नहीं आते हैं."- मनोज कुमार, किसान