औरंगाबाद:जिले के नवीनगर स्थित एनपीजीसी प्रबंधन पर बाहर से मजदूर बुलवाकर उन्हें काम पर लगाने का आरोप लगा है. इसका विरोध करते हुए स्थानीय मजदूरों ने कंपनी गेट के बाहर प्रदर्शन किया. मजदूरों की मांग है कि पहले स्थानीय मजदूरों को काम दिया जाए.
औरंगाबाद में स्थित एनपीजीसी गेट के बाहर स्थानीय मजदूरों ने प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि एनपीजीसी नवीनगर में स्थानीय मजदूरों को नजरअंदाज किया जा रहा है. बाहर से मजदूर बुलवाकर उनसे काम कराया जा रहा है. एनपीजीसी मजदूर कांग्रेस के सचिव और प्रदेश महामंत्री भोला यादव ने बताया कि एनपीजीसी प्रबंधन कोरोना के मद्देनजर उठाये गए सुरक्षात्मक कदमों की भी धज्जियां उड़ा रहा है.
नवीनगर पावर जनरेटिंग कंपनी क्वारंटीन नियमों की उड़ रही हैं धज्जियां
सचिव भोला यादव ने बताया कि एनपीजीसी प्रबंधन की तरफ से उठाए गए कदमों से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा. प्रबंधन बाहर से मजदूरों को बुलवाकर काम करवा रहा है, जबकि स्थानीय स्तर पर मजदूर उपलब्ध हैं. स्थानीय मजदूर बेकार बैठे हुए हैं. प्रशासन ने बाहर से आने वाले प्रत्येक लोगों के लिए 15 दिनों के क्वारंटीन की व्यवस्था रखी है. लेकिन इस नियम की एनपीजीसी धज्जियां उड़ा रहा है. एनपीजीसी प्रबंधन लगातार बाहर से मजदूर बुला रहा है. इसकी सूचना जिला प्रशासन को दे दी गई है. भोला यादव ने जिला प्रशासन से मांग की है कि बाहर से बुलाये गए इन सभी मजदूरों को 15 दिनों के लिए क्वारंटीन किया जाए.
'लॉकडाउन अवधि में हो भुगतान'
इंटक प्रदेश महामंत्री भोला यादव ने एनपीजीसी प्रबंधन से मांग की है कि कुशल और अकुशल सभी तरफ के मजदूरों को लॉकडाउन अवधि के दौरान भुगतान होनी चाहिए. बिना भुगतान किए मजदूरों को नहीं छोड़ना चाहिए. उन्होंने बताया कि एनपीजीसी प्रबंधन लॉकडाउन अवधि में भुगतान मजदूरों को नहीं दे रही है. इसके साथ ही उन्होंने सभी मजदूरों के लिए राशन की व्यवस्था करने की मांग की. हालांकि प्रबंधन ने दावा किया था कि वो सभी मजदूरों को राशन उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और ही दिख रहा है.