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औरंगाबाद : जंगल से सटे गांवों में अब भी महामारी से अनभिज्ञ हैं लोग, JAP नेता सेनेटाइजर और राशन लेकर पहुंचे

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Published : Apr 9, 2020, 7:09 PM IST

शहरी इलाकों मे अधिकांश लोगों को कोरोना के कारण और बचाव के तरीके पता हो चुके हैं. लेकिन औरंगाबाद के जंगलों से सटे गांवों में अब भी जानकारी और जागरुकता का अभाव है.

AGRUKTA
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औरंगाबाद: कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है. वहीं, इससे बचाव के लिए लोगों में जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. शहरी क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ी है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी इसका अभाव है. इसको लेकर प्रदेश में जनप्रतिनिधि से लेकर सामाजिक कार्यकर्ता आगे आकर लोगों को समझा रहे हैं और उनकी सहायता कर रहे हैं.

विजय कुमार ने किया जागरूक

JAP नेता ने बांटे जरूरत के सामान
कोरोना लॉकडाउन का असर गांवों में भी देखने को मिल रहा है. रोज काम कर के भोजन की जुगाड़ करने वालों के समक्ष भूखमरी का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में उन्हें सहयोग करने में समाजिक कार्यकर्ता और जन प्रतिनिधि भी पीछे नहीं हैं. जिले के मदनपुर प्रखंड के दक्षिणी उमगा पंचायत में कोरोना वायरस से बचाव को लेकर जन अधिकार युवा परिषद प्रदेश महासचिव विजय कुमार उर्फ गोलू यादव ने लोगों को जागरूक किया और ग्रामीणों के बीच में सेनेटाइज किट और राशन का वितरण किया.

सेनेटाइजर और राशन बांटा

समझाया कि कैसे करें बचाव
विजय कुमार ने लोगों से आग्रह किया है कि इस महामारी से बचाव के लिए समय-समय पर अपने हाथों को साबुन या सेनेटाइज से धोकर इस वायरस के खतरे को कम किया जा सकता है. उन्होंने लोगों को समझाया कि सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए ही दिनचर्या के काम करें. इसके अलावे हर काम के बाद साबुन से हाथ जरूर धोएं.

दूसरे राज्य से लौटे व्यक्ति की दें जानकारी
कोविड-19 को जड़ से खत्म करने के लिए साबुन और सोशल डिस्टेंस एक बेहतरीन विकल्प है. विजय ने ग्रामीणों को यह भी समझाया कि अगर कोई बाहर से काम करने वाला या दूसरे राज्य में रहने वाला उनके गांव वापस लौटता है तो वह लोग सीधे जिला प्रशासन या उन्हें फोन करके सूचना दें. उन मजदूरों को ठहरने की व्यवस्था पंचायत मुख्यालय पर बने आइसोलेशन केंद्र में की गई है.

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