औरंगाबाद: जिले के दाउदनगर शहर सैकड़ों साल से अपनी अलग पहचान लिए खड़ा है. जहां कई इतिहास और संस्कृति दफन है. यहां इंसान और जानवरों में भी फर्क नहीं किया जाता है. दरअसल, एक लंगूर की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने पारंपरिक तरीके से गाजे-बाजे के साथ शव यात्रा निकाली. शव यात्रा में शामिल लोगों ने हनुमान चालीसा का पाठ भी किया.
बिजली के करंट से हुआ था बंदर की मौत
स्थानीय लोगों के अनुसार दाउदनगर शहर के बजाजा रोड में बिजली की करंट से एक बंदर की मौत हो गयी थी. करीब आधा दर्जन की संख्या में लंगूर उस समय शहर में थे. सड़क पार करने के दौरान एक छत से दूसरे छत पर कूदने के दौरान एक लंगूर बिजली के खंभे पर जा गिरा. जिससे उसकी मौत मौके पर ही हो गई. इसके बाद लोगों ने बिजली विभाग को फोन कर बिजली आपूर्ति बंद करवाया और बांस के सहारे लंगूर के शव को नीचे उतारा. इसके बाद भगवान हनुमान के भक्तों ने पारंपरिक तरीके शव यात्रा निकाली.