औरंगाबाद:जिले के किसान बेमौसम बरसात के कारण तो पहले से ही परेशान थे, लेकिन अब चने की फसल में फूल झड़ने और फलों में कीट लगने से खासे चिंतित हैं. पिछले साल की तरह इस साल भी किसानों के लिए सही नहीं रहने वाला है. बेमौसम बरसात के कारण वैसे भी धान की फसल को कोई खरीदने वाला नहीं है. वहीं, दूसरी ओर चने की फसल में कीट का प्रकोप बढ़ गया है, जिससे फूल झड़ने और फल में छेद होने की समस्या खड़ी हो गई है.
औरंगाबाद: चने की फसल में कीट लगने से किसान परेशान, कृषि विज्ञान केंद्र ने निकाला समाधान
कृषि विज्ञान केंद्र सिरिस के कृषि वैज्ञानिक डॉ. अनूप चौबे ने बताया कि किसानों को घबराने की आवश्यकता नहीं है. एक दवा है 'प्रोफेनोफास' जिसके 1 लीटर दवा की मात्रा में 500 से 600 लीटर पानी मिलाकर पौधे पर छिड़काव किया जाता है. जिससे यह तना छेदक कीट और फूल झड़ने की समस्या समाप्त हो जाती है.
किसान हो रहे हैं परेशान
खरीफ में धान की फसल और रबी में चने की फसल को लेकर बेमौसम बरसात की मार झेल रहे किसानों के सामने संकट खड़ा हो गया है. चने की फसल से फूल झड़ने और फलों में कीट लगने की शिकायत आने लगी है. जिससे किसान परेशान हो रहे हैं. किसानों का कहना है कि इस समस्या से सरकार की तरफ से निजात दिलाने वाला अभी तक कोई नहीं आया है.
'घबराने की आवश्यकता नहीं है'
इस समस्या के संबंध में सवाल पूछे जाने पर कृषि विज्ञान केंद्र सिरिस के कृषि वैज्ञानिक डॉ. अनूप चौबे ने बताया कि किसानों को घबराने की आवश्यकता नहीं है. एक दवा है 'प्रोफेनोफास' जिसके 1 लीटर दवा की मात्रा में 500 से 600 लीटर पानी मिलाकर पौधे पर छिड़काव किया जाता है. जिससे यह तना छेदक कीट और फूल झड़ने की समस्या समाप्त हो जाती है. वहीं, उन्होंने बताया कि अगर किसानों को किसी भी तरह का कोई समस्या होता है, तो कृषि से संबंधित सभी तरह सभी समस्याओं के निदान पाने के लिए उन्हें कृषि विज्ञान केंद्र कार्यालय में आना चाहिए. जहां उन्हें हर तरह की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.