बिहार

bihar

ETV Bharat / state

उत्पाद विभाग की जमीन को भू-माफियाओं ने कराया अपने नाम, शक के घेरे में अफसर समेत कई लोग

औरंगाबाद में उत्पादन विबाग ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर करोड़ों की जमीन भू-माफिया को बेच दिया. इसमें उत्पादनकर्ता सहित कई लोगों का नाम सामने आया है. फिलहाल डीएम इसकी जांच में जुटे हैं.

उत्पाज विभाग की तस्वीर

By

Published : Mar 24, 2019, 1:13 PM IST

Updated : Mar 24, 2019, 3:12 PM IST

औरंगाबाद: यहांउत्पाद विभाग का एक नया कारनामा सामने आया है. शराबबंदी के बाद विभाग ने करोड़ों की जमीन बेच डाली. इस जालसाजी में उत्पाद अधीक्षक से लेकर कई उत्पादकर्मी का भी नाम सामने आ रहा है.

उत्पाद विभाग की करोड़ों की जमीन फर्जी हस्ताक्षर के जरिए भू-माफियाओं को बेची गई है. कागजात पर तात्कालीन उत्पाद अधीक्षक रविंद्र कुमार शर्मा और तात्कालीन कार्यालय सहायक रामा शंकर प्रसाद का हस्ताक्षर है. लेकिन, डीएम राहुल रंजन महिवाल के मुताबिक दोनों अफसरों का हस्ताक्षर फर्जी है. उनका कहना है कि पूछताछ के बाद इसकी जानकारी मिली है.

कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश

बताया जा रहा है कि आरोपियों ने जमीन का पहले जाली कागजात बनवाया. इसके बाद जाली कागजात को जमा कर कोर्ट को भी गुमराह करने की कोशिश की. इसका खुलासा शहर के एक कारोबारी के जरिए हुआ. भू-माफियाओं से खरीदी गई जमीन को वो दाखिल खारिज करने के लिए सीओ और डीएम ऑफिस पहुंचा था.मामले का खुलासे होने के बाद डीएम राहुल रंजन ने इसपर तुरंत संज्ञान लिया. उत्पाद विभाग के प्रभारी अधीक्षक को एक प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है. 6 लोगों पर 31 डिसमिल सरकारी जमीन को फर्जी तरीके से अपने नाम करा लेने का आरोप लगा है.

कौन-कौन हैं शामिल
इस मामले में झारखंड राज्य के रांची के लालपुर निवासी संतोष कुमार जायसवाल, शिवनारायण जायसवाल, जगत नारायण जायसवाल, देवनारायण जायसवाल, पटना के रमेश कुमार तिवारी तथा औरंगाबाद नगर थाना क्षेत्र के सत्येंद्र नगर निवासी वशिष्ठ नारायण सिंह को आरोपी बनाया गया है. इन 6 लोगों पर करीब 31 डिसमिल सरकारी जमीन को फर्जी तरीके से अपने नाम करा लेने का आरोप लगाया है.

इनका क्या है कहना
डीएम राहुल रंजन महिवाल ने कागजातों की जांच की तो पाया की सभी आरोपियों ने जाली दस्तावेज तैयार कर रखे थे. उस समय के उत्पाद अधीक्षक रविंद्र कुमार शर्मा तथा कार्यालय सहायक रामा शंकर प्रसाद का जाली हस्ताक्षर की मदद से डीएम के न्यायालय में साक्ष्य के तौर पर जमा किया था. डीएम ने जब उत्पाद विभाग के तत्कालीन अधीक्षक रविंद्र कुमार शर्मा और कार्यालय सहायक रामाशंकर से इस बारे में पूछताछ की तो उन्होंने अपना हस्ताक्षर फर्जी बताया है.

Last Updated : Mar 24, 2019, 3:12 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details