औरंगाबाद:जिले में जहां एक ओर कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलते जा रहा है. इसको लेकर जिले के अधिकांश डॉक्टर अपना अस्पताल को बंद कर दिए हैं. जिसके कारण सदर अस्पताल में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ गई हैं, ऐसे में डॉक्टर सेवा भी दे रहे हैं, लेकिन अब उन लोगों के साथ मारपीट शुरू हो गई हैं. जो कही से उचित नहीं हैं.
मंगलवार की रात मदनपुर से एक मरीज की हृदयगति रुक जाने के बाद उसे सदर अस्पताल में रेफर कर दिया गया. जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर अरूम कुमार ने इलाज किया और हालत को गम्भीर बताते हुए रेफर कर दिया. बावजूद परिवार के लोग उसे बाहर नहीं ले गए. इसके बाद उसकी मौत हो गई. मृतक के परिजनों ने ना सिर्फ डॉक्टर के साथ मारपीट की, बल्कि नर्सों की भी पिटाई कर दी.
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उपाधीक्षक ने ओपीडी का कमान संभाला
इस घटना के बाद बुधवार को सदर अस्पताल के सभी डॉक्टर और कर्मी हड़ताल पर चले गए. जब अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गई तो उपाधीक्षक डॉ. विकास कुमार ने ओपीडी का कमान संभाला और मरीजों का इलाज किया. लेकिन वह भी सहमे हुए थे. उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि अस्पताल में ऑक्सीजन की व्यवस्था तो है लेकिन लगाने वाले कोई नहीं हैं. ऐसे में अस्पताल चलना कहीं से उचित नहीं है. क्योंकि डॉक्टर इलाज करने के लिए तैयार नहीं हैं.
डॉ. विकास कुमार, उपाधीक्षक सदर अस्पताल ये भी पढ़ें:NMCH में फिर जूनियर डॉक्टरों ने किया कार्य बहिष्कार, कहा- 'जब तक सुरक्षा नहीं, तब तक काम नहीं'
घटना की सूचना डीएम एसपी से लेकर अन्य अधिकारियों को दे दी गई है. लेकिन कोई संज्ञान नहीं ले रहा हैं. जब इस सम्बंध में डीएम सौरभ जोरेवाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि डॉक्टरों के साथ बैठक हुई है. सभी को समझा दिया गया है. वहीं, 24 घन्टे के लिए पुलिस पदाधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है और जिन लोगों ने डॉक्टरों के साथ मारपीट की है. उन लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.