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खबर का असर: सरकार ने युवा वैज्ञानिक विनीत को किया सम्मानित, दिया 1 लाख का नकद पुरस्कार

खान और भूतत्व मंत्री ब्रज किशोर बिंद ने कहा कि विनीत को आगे भी हरसंभव मदद करने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा कि विनीत ने अपनी प्रतिभा से औरंगाबाद के साथ-साथ पूरे देश का नाम रोशन किया है. मंत्री ने ये भी कहा कि इस संबंध में सीएम नीतीश कुमार से भी बात की जाएगी.

युवा वैज्ञानिक
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Published : Jan 29, 2020, 11:58 AM IST

Updated : Jan 29, 2020, 1:55 PM IST

औरंगाबाद: ईटीवी भारत की खबर का असर एक बार फिर से देखने को मिला है. प्लास्टिक के कचरे से पेट्रोल बनाने वाले औरंगाबाद के युवा वैज्ञानिक विनीत कुमार को सम्मान के साथ जिला प्रशासन की ओर से आर्थिक मदद दी गई है. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था. जिसके बाद प्रशासन और खान और भूतत्व मंत्री ब्रज किशोर बिंद की ओर से विनीत को एक लाख नकद की आर्थिक सहायता दी गई.

कचरे से पेट्रोल का इजाद करने वाले विनीत कुमार को एक लाख का नकद पुरस्कार दिया गया. खान और भूतत्व मंत्री ब्रज किशोर बिंद ने कहा कि विनीत को आगे भी हरसंभव मदद करने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा कि विनीत ने अपनी प्रतिभा से औरंगाबाद के साथ-साथ पूरे देश का नाम रोशन किया है. मंत्री ने ये भी कहा कि इस संबंध में सीएम नीतीश कुमार से भी बात की जाएगी.

डीएम राहुल रंजन महिवाल और खान और भूतत्व मंत्री ब्रज किशोर बिंद

ये भी पढ़ें:-प्लास्टिक के कचरे से किया पेट्रोल का इजाद, 4 देशों से मिल चुका है रिसर्च का ऑफर

क्या है विनीत की खूबी
बता दें कि जिले के बारहवीं क्लास के छात्र के जम्होर थाने के देवहरा गांव का रहने वाला छात्र विनीत कुमार ने प्लास्टिक के कचरे से पेट्रोल बनाने की विधि का इजाद किया. विनीत ने ईटीवी भारत के कैमरे के सामने ना सिर्फ इस प्रयोग को करके दिखाया, बल्कि पूरी विधि के अनुसार पेट्रोल बनाकर बताया. विनीत कुमार शहर के सच्चिदानंद सिंह कॉलेज का छात्र है. फिलहाल वो बेकार पड़े सिंगल यूज प्लास्टिक से पेट्रोल और एलपीजी बना रहा है. 1 किलो प्लास्टिक से 800 ग्राम पेट्रोल और एलपीजी तैयार करता है और जो अवशेष बच जाते हैं, उससे टाइल्स बनाता है.

औरंगाबाद से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

प्रसासन से लगाई थी मदद की गुहार
सिंगल यूज प्लास्टिक कचरे के निस्तारण विधि को लेकर विनीत की योजना एक गाड़ी बनाने की है. जिसमें उसका मशीन लग सके. विनीत का कहना है कि लोग उसके मशीन का प्रयोग करें ताकि प्लास्टिक से पेट्रोल प्राप्त हो. वहीं, इस वाहन को बनाने के लिए विनीत को जिला प्रशासन से सहयोग की उम्मीद है. विनीत का कहना है कि उसके इस आविष्कार के लिए सरकार फंड मुहैया कराई जाए. जिसके बाद ईटीवी भारत की खबर को प्रमुखता से दिखाने के बाद प्रशासन हरकत में आया.

सात चरणों में बनता है पेट्रोल
बता दें कि सिंगल यूज प्लास्टिक से सात चरण में पेट्रोल बनाया जाता है. सबसे पहले प्लास्टिक को इकट्ठा कर उसे उच्च तापमान पर रसायन की मदद से गलाया जाता है. जहां, ऑक्सीजन की मात्रा ना के बराबर होती है. इसके बाद प्लास्टिक गैस के रूप में परिवर्तित हो जाता है. फिर मशीन के अंदर गैस के साथ केटेलाइटिक रिडक्शन की प्रक्रिया होती है. उत्प्रेरक के साथ गैस को रिएक्ट कराकर हाई नाइट्रोजन से पास कराया जाता है. इसके बाद ये लिक्विड में बदल जाता है, जो इथेन में परिवर्तित हो जाता है, जिससे पेट्रोल और डीजल तैयार होता है. वहीं, जो गैस पेट्रोल नहीं बन पाता है, उसे एलपीजी के रूप में प्राप्त किया जाता है.

Last Updated : Jan 29, 2020, 1:55 PM IST

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