औरंगाबाद: अचला सप्तमी के अवसर पर जिले के देव मंदिर में भगवान सूर्य की आराधना के लिए विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया. इस मौके पर मंदिर को काफी आकर्षक रूप में सजाया गया था. पूजा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान भास्कर की अराधना की.
औरंगाबाद: अचला सप्तमी को लेकर देव मंदीर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
देव मंदिर के मुख्य पुजारी ने कहा कि पुराणों के अनुसार सूर्य देव ने अचला सप्तमी के दिन अपना प्रकाश प्रकाशित किया था. जिस वजह से इसे सूर्य जयंती भी कहा जाता है. इस दिन विश्व के सबसे बड़े देव सुर्य मंदिर में भगवान की विशेष पूजा आयोजित की जाती है.
'भगवान भास्कर की जयंती'
इस मौके पर देव मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित सच्चिदानंद पाठक ने कहा कि पुराणों के अनुसार सूर्य देव ने अचला सप्तमी के दिन अपना प्रकाश प्रकाशित किया था. जिस वजह से इसे सूर्य जयंती भी कहा जाता है. इस दिन विश्व के सबसे बड़े देव सुर्य मंदिर में भगवान की विशेष पूजा आयोजित की जाती है. भगवान भास्कर को छप्पन भोग लगाने के बाद भक्तों में प्रसाद का वितरण किया जाता है.
'व्रत से मिलता है सौभाग्य'
सच्चिदानंद पाठक ने बताया कि इस दिन को लोग अचला सप्तमी और माघी सप्तमी के नाम से जानते हैं. इस दिन महिलाएं विशेष व्रत रखती हैं. इस दिन भगवान भास्कर की अराधना करने से सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.