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Aurangabad Crime: 30 लाख का इनामी नक्सली वीरेंद्र यादव उर्फ सौरभ दा गिरफ्तार, बिहार-झारखंड पुलिस को थी तलाश - Aurangabad Crime

औरंगाबाद में नक्सली कमांडर वीरेंद्र यादव गिरफ्तार हो गया है. एसपी स्वप्ना गौतम मेश्राम ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर झरना-महुलान के जंगली क्षेत्र से उसे गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने दावा किया कि इस नक्सली की गिरफ्तारी से उनके संगठन को काफी नुकसान पहुंचा है.

नक्सली कमांडर वीरेंद्र यादव उर्फ सौरभ दा गिरफ्तार
नक्सली कमांडर वीरेंद्र यादव उर्फ सौरभ दा गिरफ्तार

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Published : Jul 22, 2023, 12:52 PM IST

औरंगाबाद:बिहार और झारखंड के वांटेड नक्सली कमांडर वीरेंद्र यादवउर्फ सौरभ उर्फ मरकज बाबा को औरंगाबाद पुलिस ने विशेष अभियान चलाकर गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार नक्सली कमांडर वीरेंद्र यादव जिले के कासमा थाना क्षेत्र के गम्हरिया ग्राम का रहने वाला है. उस पर बिहार और झारखंड में लगभग दर्जन भर मामले दर्ज थे. झारखंड सरकार की ओर से 25 लाख रुपये और एनआईए द्वारा 5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था.

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नक्सली कमांडर वीरेंद्र यादव उर्फ सौरभ दा गिरफ्तार:वीरेंद्र के खिलाफ बिहार और झारखंड में लगभग एक दर्जन से अधिक मामले लंबित हैं. गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए पुलिस अधीक्षक स्वप्ना गौतम मेश्राम ने कहा कि यह कार्रवाई अपर पुलिस अधीक्षक अभियान मुकेश कुमार के नेतृत्व में ढिबरा थाना एवं एसटीएफ सहित सशस्त्र बल के द्वारा की गई. जिसमें पुलिस को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. इस कार्रवाई में 30 लाख का इनामी शीर्ष माओवादी नेता गिरफ्तार हुआ है.

गिरफ्तारी पर एसपी ने क्या कहा?: औरंगाबाद एसपी स्वप्ना गौतम मेश्राम ने बताया कि यह सूचना मिली थी कि ढिबरा थानान्तर्गत झरना महुलान और उसके आसपास के जंगली क्षेत्रों में नक्सली छिपे हुए हैं. जिसके बाद एसटीएफ और ढिबरा थाना की संयुक्त टीम ने संयुक्त सर्च अभियान चलाया गया. छापेमारी के क्रम में झरना, महुलान के जंगली क्षेत्र से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ करने पर उसकी पहचान नक्सली कमांडर वीरेंद्र यादव उर्फ सौरभ दा के रूप में हुई.

"वीरेंद्र यादव उर्फ सौरभ दा के खिलाफ बिहार के औरंगाबाद और गया जिले के विभिन्न पुलिस स्टेशनों और झारखंड के कई जिलों में लगभग एक दर्जन मामले दर्ज हैं, जिनमें ज्यादातर नक्सली मामले हैं. हत्या के प्रयास जैसे आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. वह न केवल प्रतिबंधित संगठन के लिए सक्रिय हिंसा में शामिल रहा है, बल्कि उसने संगठन के लिए धन और हथियार जुटाने में भी प्रमुख भूमिका निभाई है"- स्वप्ना गौतम मेश्राम, पुलिस अधीक्षक, औरंगाबाद

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