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भगवान भास्कर की नगरी में दिया गया शाम का अर्घ्य - उपवास

भगवान भास्कर की नगरी देव पूजा अर्चना प्रथम अर्थ सूरजकुंड में पूजा की गई. भारी संख्या में गंगा घाटों पर व्रतियों और श्रद्धालुओं की भीड़ मौजूद रही. सूर्यास्त होने से पहले व्रतियों ने गंगा मईया की पूजा-अर्चना कर भगवान भास्कर को जल अर्पित किया.

छठ पूजा

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Published : Nov 2, 2019, 3:27 PM IST

Updated : Nov 2, 2019, 5:40 PM IST

औरंगाबाद:लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. भारी संख्या में छठ व्रतियां घाटों पर मौजूद रहीं. छठव्रतियों ने पूरे दिन निर्जला उपवास कर नदी, तालाब में खड़े होकर ढलते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. शाम की पूजा के समाप्त होते ही रविवार की सुबह की पूजा की तैयारियां शुरू की गई.

घाटों पर उमड़ी भीड़
भगवान भास्कर की नगरी देव पूजा अर्चना प्रथम अर्थ सूरजकुंड में पूजा की. भारी संख्या में गंगा घाटों पर व्रतियों और श्रद्धालुओं की भीड़ रही. सूर्यास्त होने से पहले व्रतियों ने गंगा मईया की पूजा-अर्चना कर भगवान भास्कर को जल अर्पित किया.

घाटों पहुंचे लोग

लंबी की कामना
मान्यता है कि छठ का पर्व दीर्घायु, पारिवारिक सामंजस्य समेत अन्य के लिए किया जाता है. यदि आदित्य ह्रदय स्त्रोत से पाठ करते हुए पीतल के पात्र में दूध मिश्रित जल से अर्घ्य देने से स्वास्थ्य लाभ होता है. शाम और प्रात:कालीन अर्घ्य देने से आर्थिक समस्याओं का निवारण होता है.

क्या बोले श्रद्धालु

चार दिनों का होता है ये महापर्व
गुरुवार से नहाय-खाय के साथ शुरू हुए छठ पर्व का आज तीसरा दिन है. इस दिन व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास कर शाम में नदी, तालाब में खड़े होकर ढलते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं. इस पूजा के बाद अगली सुबह की पूजा की तैयारियां शुरू हो जाती हैं. इसके बाद से व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देने तक निर्जला उपवास पर रहती हैं. सुबह वाले अर्घ्य के बाद पारण होता है.

Last Updated : Nov 2, 2019, 5:40 PM IST

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