औरंगाबाद: जिले में पंचायतों में विकास के काम गति पर हैं. भारत सरकार के पंचायती राज विभाग की तरफ से दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार के लिए औरंगाबाद जिले के 4 क्षेत्रों को उत्कृष्ट कार्य के लिए चुना गया है. जिसमें कुटुंबा, मदनपुर और रफीगंज प्रखंड शामिल हैं.
औरंगाबाद को 4 क्षेत्रों में मिला दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार
भारत सरकार के पंचायती राज विभाग ने साल 2020 के दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार के लिए मदनपुर पंचायत के साथ औरंगाबाद जिला परिषद और रफीगंज, कुटुंबा पंचायत को चुना है.
जिला उप विकास आयुक्त अंशुल कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर औरंगाबाद जिले के पंचायतों ने परचम लहराया है, जिसमें मदनपुर, कुटुंबा, रफीगंज के अलावा औरंगाबाद जिला परिषद भी शामिल है. उन्होंने बताया कि भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय प्रत्येक साल दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार देता है. प्रधानमंत्री खुद प्रतिनिधियों को सम्मानित करते हैं. खुले में शौच से मुक्त, जीविका, बाल विवाह की रोकथाम, प्रधानमंत्री आवास योजना से संबंधित कार्यों का निष्पादन के लिए पंचायतों का चयन किया गया है.
बिहार को कुल 9 पुरस्कार मिले हैं
जिला उप विकास आयुक्त ने बताया कि जिले के मदनपुर पंचायत के अलावे पंचायत समिति रफीगंज, कुटुंबा और औरंगाबाद जिला परिषद को चुना गया है., जहां सभी प्रतिनिधियों को 40- 40 लाख रुपए क्षेत्र के विकास के लिए अलग से दिए जाएंगे. बिहार को कुल 9 पुरस्कार दिए गए हैं, जिनमें से 4 पुरस्कार औरंगाबाद जिले को मिले हैं. वहीं, इससे पहले भी फरवरी महीने में कुटुंबा पंचायत को दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण के लिए चुना गया था. इस तरह से देखा जाए, तो इस साल जिले में कुल 5 क्षेत्र को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया.