औरंगाबाद/ बेतिया: बिहार के कई जिलों में अवैध बालू खनन लगातार जारी है. ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी जिले के वरीय अधिकारियों को नहीं है. शहर वासी बताते हैं कि सबकुछ जानते हुए भी कभी-कभी छापेमारी की जाती है. अवैध खनन की वजह से ना सिर्फ राजस्व का नुकसान हो रहा है बल्कि नदी में गड्ढ़े होने की वजह से लोगों की जान भी जा रही है.
औरंगाबाद में जिला पदाधिकारी के निर्देश पर बारुण और सोन नदी में छापेमारी की गयी. जिसमें खनन में लगे दो पोकलेन मशीनों को जब्त किया गया. हालांकि मौके पर अधिकारियों के पहुंचने से पहले ही पोकलेन चालक और बालू माफिया फरार हो गए.
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'सोन नदी में कुछ दिनों से बालू खनन की सूचना मिल रही थी. देवी घाट के अवैध खनन की जानकारी के बात छापेमारी की गई. जिसमें पोकलेन को जब्त करते हुए वरीय अधिकारियों के निर्देश पर बारुण थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. अन्य कई जगहों पर छापेमारी की जा रही है.'मुकेश कुमार, जिला खनन पदाधिकारी
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बेतिया में भी अवैध खनन
अवैध खनन की बात सिर्फ औरंगाबाद तक सीमित नहीं है. इधर बेतिया के शिकारपुर थाना क्षेत्र में नदियों से अवैध तरीके से खनन किया जा रहा है. शिकारपुर पुलिस ने बालू लदे दो ट्रैक्टर ट्रॉली को जब्त किया है. यहां भी चालक ट्रैक्टर छोड़कर फरार हो गया.
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'गुप्त सूचना मिली थी कि पंडई और हड़बोड़ा नदी घाटों से अवैध रूप से बालू खनन किया जा रहा है.ओवरब्रिज एवं शिवगंज मोहल्ले में छापेमारी की गई. छापेमारी के दौरान एक ट्रैक्टर ट्राली पर लदे बालू को ओवरब्रिज से और एक ट्रैक्टर ट्राली को शिवगंज मोहल्ले से पकड़ा गया. चालक ट्रैक्टर ट्राली छोड़ कर फरार हो गया'.- संदीप गोल्डी, प्रशिक्षु डीएसपी
सरकार भले ही लाख दावा क्यों न करें लेकिन बालू का अवैध खनन आज का मामला नहीं है. यह वर्षों से चला आ रहा है. इस अवैध कारोबार से बालू खनन माफिया मालामाल हो रहे हैं और सरकार को राजस्व का घाटा हो रहा है. औरंगाबाद और बेतिया के अलावा आसपास के नदियों से जुड़े अन्य जिलों में भी यही हाल है.