औरंगाबाद:जिले के हसपुरा क्वारंटीन सेंटर में पदस्थापित दारोगा वीरेंद्र तिवारी की मौत कोरोना के कारण हो गई. जिससे जिले की पुलिस में हड़कंप मची हुई है. वहीं, दारोगा के संपर्क में आए 69 पुलिसकर्मियों को क्वारंटीन कर जांच के लिए सैंपल लेकर पटना भेजा गया है. साथ ही डॉक्टर को भी क्वारंटीन कर दिया गया है.
औरंगाबाद में कोरोना से दारोगा की मौत, 69 पुलिसकर्मी और डॉक्टर क्वॉरेंटाइन - the coroner died of corona
क्वारंटीन सेंटर पर ड्यूटी में तैनात दारोगा की मौत कोरोना की वजह से हो गई. जिसके बाद उनके संपर्क में आए पुलिसकर्मियों को क्वारंटीन कर दिया गया है. वहीं, दारोगा का इलाज करने वाले डॉक्टर को भी क्वारंटीन कर दिया गया है. इस मामले को लेकर एसपी ने कहा कि सरकार और विभाग की ओर से मुआवजा दिया जाएगा.
बता दें कि बक्सर निवासी वीरेंद्र तिवारी खुदवां थाने में बतौर एसआई पदस्थापित थे और हसपुरा के क्वारंटीन सेंटर में ड्यूटी के बाद पदभार देने पुलिस लाइन पहुंचे. जहां उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. जिसके बाद शहर के डॉक्टर बीके सिंह क्लीनिक में इलाज कराने गए. जहां डॉक्टर ने उन्हें कोविड-19 जांच करवाने को कहा. बाद में उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ जाने की वजह से अचानक मौत हो गई. जिसके बाद उनके संपर्क में आए पुलिसकर्मी और डॉक्टर को क्वारंटीन कर दिया गया.
'दारोगा के परिजनों को मिलेगा मुआवजा'
इस मामले को लेकर एसपी दीपक बरनवाल ने बताया कि पुलिस लाइन आने के बाद मामूली रूप से उनकी तबीयत खराब थी और अचानक मौत हो गई. दरोगा को बीपी और शुगर सहित कई बीमारी की थी. वहीं, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद यह स्पष्ट हो पाएगा कि उनकी मौत का असली वजह क्या थी. साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना से होने वाली मौत पर सरकार की ओर से 4 लाख रुपया मुआवजा दिया जाता है. वहीं, विभाग की तरफ से लगभग 42 लाख रुपया मुआवजा दिया जाएगा. साथ ही अनुकंपा के आधार पर परिवार के एक सदस्यों को सरकारी नौकरी दी जाएगी. वहीं, परिजनों ने प्रशासन की देखरेख में शव का दाह संस्कार कर दिया.