औरंगाबाद:बिहीर के औरंगाबाद में कोर्ट ने नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म (Molestation with Minor Girl)मामले में अभियुक्त को 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई हुई है. कोर्ट ने यह फैसला 2 वर्ष पहले नाबालिग के साथ अपहरण और जबरन सम्बन्ध बनाने के मामले में दी, इसके अलावा जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना नहीं देने की स्थिति में 6 माह की अतिरिक्त सजा होगी. व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद (Civil Court Aurangabad) के एडीजे सह स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ब्रजेश कुमार पाठक ने 2020 के एक मामले में सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए एकमात्र अभियुक्त को सजा सुनाई है.
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दोषी को 10 साल की कारावास: अभियुक्त को दिनांक 19 नवम्बर को भारतीय दंड संहिता की धारा में दोषी पाते हुए जमानत रद्द करके जेल भेज दिया गया था. स्पेशल पीपी शिवलाल मेहता ने बताया कि इस वाद में चिकित्सक, अनुसंधानकर्ता समेत सात गवाहों ने गवाही दी थी जिसमें अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 366 ए में पांच साल की सजा और चार हजार जुर्माना लगाया गया है. वहीं धारा 363 में तीन साल की सजा और तीन हजार जुर्माना लगाया गया है. इसके अलावा पॉक्सो एक्ट की धारा चार में 10 साल की सजा और पांच हजार जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना नहीं देने की स्थिति में 6 माह की अतिरिक्त साधारण कारावास होगी.
"इस वाद में चिकित्सक, अनुसंधानकर्ता समेत सात गवाहों ने गवाही दी थी जिसमें अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 366 ए में पांच साल की सजा और चार हजार जुर्माना लगाया गया है. वहीं धारा 363 में तीन साल की सजा और तीन हजार जुर्माना लगाया गया है. इसके अलावा पॉक्सो एक्ट की धारा चार में 10 साल की सजा और पांच हजार जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना नहीं देने की स्थिति में 6 माह की अतिरिक्त साधारण कारावास होगी."-शिवलाल मेहता, स्पेशल पीपी