भोजपुरः'इंसानियत अक्सर वहां मुस्कुराती है जहां दूसरों की मदद करती जिंदगी नजर आती है' इसकी एक मिशाल जिले के कोइलवर में देखने को मिली. जहां कुछ युवकों ने एक जख्मी बंदर की 20 दिनों तक देखभाल की. लेकिन तबीयत बिगड़ने से उसकी मौत हो गई. जिसके बाद उन्होंने उसका अंतिम संस्कार किया.
20 दिनों तक की जख्मी बंदर की देखभाल, मौत के बाद किया अंतिम संस्कार
जिले के कुछ युवकों ने इंसानियत की मिशाल पेश करते हुए एक जख्मी बंदर की 20 दिनों तक देखभाल की. जिसके बाद तबीयत बिगड़ने से उसकी मौत हो जाने पर उन्होंने उसका अंतिम संस्कार भी किया.
जख्मी हालत में मिला था बंदर
बंदर की देखभाल कर रहे युवकों ने बताया कि 20 दिन पहले यह बंदर कोइलवर थाना के पास उन्हें जख्मी हालत में मिला. जिसके बाद वे लोग उसे इलाज के लिए पशु चिकित्सालय ले गए. दुर्भाग्यवश गुरुवार को बंदर की मौत हो गई.
सोन नदी में किया अंतिम संस्कार
बंदर की मौत की खबर मिलते ही युवकों ने मिलकर अंतिम यात्रा निकालकर कोइलवर के सोन नदी में उसका अंतिम संस्कार किया. उन्होंने लोगों से बेजुबान पशु-पक्षियों से प्यार और जरूरत में उनकी मदद करने की अपील की.