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दीवारों पर गोबर वार्ड में घास, ऐसा है बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल

अस्पताल में कभी डॉक्टर तो नजर आए ही नहीं, एएनएम भी हफ्ते में एक बार आती है. ऐसे में ग्रामीणों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में बंधे पशु

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Published : Mar 14, 2019, 3:32 PM IST

भोजपुरः जगदीशपुर अनुमंडल के आयर में स्वास्थ्य केन्द्र वर्षों से पशुओं का चारागाह बना हुआ है. जहां वार्ड चारे और घास-फूस से भरे हुए हैं. बीते 20 साल से यहां स्वास्थ्य व्यवस्था का ऐसा ही हाल है.

वार्ड में भरा चारा

ग्रामीणों का कहना है कि यहां अक्सर ताले लटके रहते हैं. अस्पताल में कभी डॉक्टर तो नजर आए ही नहीं, एएनएम भी हफ्ते में एक बार आती है. ऐसे में ग्रामीणों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लोगों को आधी रात में किसी तरह की दिक्कत होती है तो उन्हें दूर सदर अस्पताल जाना पड़ता है.

इलाज में देरी से जान भी जा चुकी
गांव में अस्पताल होकर भी लोगों को कोई सुविधा नहीं मिली. इलाज में देरी के कारण कई बार यहां के लोगों को अपनों को खोना भी पड़ा. भोजपुर में स्वास्थ्य उपकेंद्रों की संख्या 303 है, लेकिन सबका हाल कुछ ऐसा ही है.

बिहार स्वास्थ्य व्यवस्था

जल्द खुलवाएंगे स्वास्थ्य उपकेंद्र- सिविल सर्जन
वहीं, सिविल सर्जन का कहना है कि पहले शिकायत मिल चुकी है. आयर स्वास्थ्य केंद्र में कोई डॉक्टर नियुक्त नहीं है, दो नर्स हैं. ग्रामीणों ने जानकारी दी थी कि स्वास्थ्य केंद्र जर्जर हो रहा है, इसके चलते यह बंद हो गया था. मामले की जांच करवाकर बहुत जल्द उपकेंद्र को खुलवाया जाएगा.

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