भोजपुर: लॉकडाउन में मजदूरों की समस्या कम होती नहीं दिख रही है. मजदूर पलायन करने के लिए मजबूर हैं, क्योंकि उनके पास कोई और ठिकाना नहीं है. खाने-पीने की दिक्कत हो रही है और रोजगार का कोई भरोसा भी नहीं है.
कोरोना ने बढ़ाई मजदूरों की मुश्किलें, ट्रक के जरिए दूसरे राज्यों से घर आने को मजबूर - Migrant labor
मजदूरों ने बताया कि मुंबई से 4 हजार रुपये प्रति व्यक्ति देकर अपने घर समस्तीपुर जा रहे हैं, जिनमें करीब 50 लोग शामिल थे. इनमें कुछ महिलाएं और कुछ बच्चे भी शामिल थे. ये सभी किसी तरह भूखे-प्यासे बस अपने घर पहुंच जाने की राह देख रहे हैं.
लॉकडाउन में भुखमरी से परेशान दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर घर पहुंचने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं. सरकार ने बिहार से बाहर रहने वाले प्रवासियों को घर बुलाने के लिए बसों और ट्रेनों का इंतजाम किया है, लेकिन कई मजदूरों तक यह सुविधा नहीं पहुंच रही है. मजबूरन उन्हें अपने पैसे लगाकर ट्रक से आना पड़ रहा है.
ट्रकों में लदकर आ रहे हैं प्रवासी मजदूर
सरकार ने ये आदेश जारी करते हुए कहा कि एक जिले से दूसरे जिले में जाने से पहले मजदूरों की जांच बॉर्डर पर ही की जायेगी. तो वहीं, विभिन्न राज्यों से ट्रकों में लदकर आने वाले इन मजदूरों को रास्ते में कोई पुलिस नहीं रोकती. मजदूरों ने बताया कि मुंबई से 4 हजार रुपये प्रति व्यक्ति देकर अपने घर समस्तीपुर जा रहे हैं, जिनमें करीब 50 लोग शामिल थे. इनमें कुछ महिलाएं और कुछ बच्चे भी शामिल थे. ये सभी किसी तरह भूखे-प्यासे बस अपने घर पहुंच जाने की राह देख रहे हैं.