भोजपुर: जिले के बड़हरा प्रखंड में ग्रामीण और अवैध बालू का खननकरनेवाले माफियाओं के बीच तनाव बढ़ गया है. बताया जा रहा है कि गांव वालों ने अवैध बालू के ट्रैक्टरों को रोक दिया है. इस घटना के बाद से बालू माफियाओं और गांव वालों के बीच तनाव बढ़ गया है. गांव वालों का आरोप है किबालू माफियाबालू के ट्रैक्टरों को उनके रैयत वाली जमीनों से जबरदस्ती लेकर जाते है, जिससे उनकी खड़ी फसल बर्बादहो जाती है. वहीं ये बालू माफिया गांव से गुजरते समय टैक्टरों पर अश्लील गाने बजाते हैं.
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गांव की रैयत जमीनों से गुजरते हैं बालू से लदे ट्रैक्टर
जानकारी के अनुसार मामला जिले के बड़हरा प्रखंड के विशुनपुर पंचायत क्षेत्र का है. यहां के गांवो से होकर जाने वाले अवैध बालू लदे ट्रैक्टरों को ग्रामीणों ने रोक दिया है. बताया जाता है कि बालू तस्कर अवैध ढंग से विशुनपुर पंचायत के सेमरा के दियारा इलाके से 12 पोकलेन और 7 जेसीबी से बालू लोड कर पंचायत के सेमरा, नया सबलपुर, पुराना सबलपुर, नया बिंदगांवा, विशुनपुर, बंधुछपरा के रास्ते, रैयती जमीनों में खड़ी फसल को रौदते हुए जाते है.
यहां अवैध बालू का कारोबार 24सो घंटें चलता है. ट्रैक्टर चालक अश्लील गाने बचाते हुए गांव से गुजरते हैं. स्थानीय लोगों का आरोप हैं कि बालू माफियाओं के कारण उनका जीना मुहाल हो गया है. इससे आजीज होकर लोगो नेपुलिस प्रशासनके पास भी इसकी शिकायत की लेकिन लेकिन थाना पुलिस ने खनन विभाग का हवाला देकर मामले से पल्ला झाड़ लिया.
पंचायत करके गांव वालों ने लिया फैसला
बालू माफियाओं से परेशान गांव वालों ने इस समस्या से निपटने के लिए खुद ही कमर कसी और अवैध बालू खनन करने वालों पर लगाम लगाने को लेकर पंचायत की. बैठक मे ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि किसी भी हालत में अवैध तरीके से ढुलाई कर रहे वाहनों को रैयती जमीन से जाने नहीं दिया जाएगा. जिसके बाद ग्रामीणों ने जेसीबी से विशुनपुर मौजा के भागड़ में तस्करों द्वारा बनाये गये रास्तों को उखाड़ दिया. गांव वाले कहते हैं कि वे अपनी जमीन को बचाने के लिए किसानबालू माफियाओं के ट्रैक्टरों को किसी भी कीमत पर रोकना चाहते हैं.
खूनी संघर्ष में बदल सकते हैं हालात
ग्रामीणो ने आरोप लगाया कि बालू तस्कर चाहते हैं कि प्रशासन के सहयोग से किसानों को डरा धमका कर जबरदस्ती अपनी ट्रैक्टर खेत से ही लेकर जाएं. इस पूरे मामले को लेकर ग्रामीण बताते है कि बालू तस्करों ने ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं कि पंचायत के गांवो से जाने वाली सवारी गाड़ी, गैस सिलिंडर पहुचाने वाले वाहन, स्कूल वाहन और पेयजल पहुचाने वाली वाहन तक का आना गांव में बंद हो गया है. तस्करों के वाहनों के अश्लील गानों के कारण छात्र/छात्रा और महिलाएं परेशान है. बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर इसका असर पड़ रहा है. गांव वालों के सख्त रवैये के बाद से ही बालू तस्करों और ग्रामीणो के बीच तनाव बढ़ गया है. आलम ये हैं कि हालात कभी भी खुनी संघर्ष में भी बदल सकते है.