भोजपुरः पूरा देश कोरोना महामारी से जूझने में लगा है. वहीं, दूसरी ओर कोरोना महामारी से जुड़ीं कई भ्रामक खबरें सोशल मीडिया में वायरल हो रही है. कुछ ऐसी ही एक बड़ी भ्रामक खबर भोजपुर जिले के कुल्हड़िया गांव से निकली. खबर ऐसी है कि भोजपुर जिला में ही नहीं बल्कि पूरे बिहार में इसकी चर्चा हो रही है. दरअसल, कुल्हड़िया गांव के बारे में बताया गया कि पिछले दो महीनों में इस गांव में 125 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है. गांव की 90 प्रतिशत आबादी कोरोना संक्रमित है.
यह भी पढ़ें- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को कोरोना जांच डेढ़ लाख करने का दिया निर्देश
कुल्हड़िया गांव पहुंची ईटीवी भारत की टीम
इस खबर की पड़ताल और सच्चाई जानने ईटीवी भारत की टीम ग्राउंड जीरो यानी कुल्हड़िया गांव पहुंची. वहां जाने के बाद दर्जनों लोगों से ऑन कैमरा और ऑफ कैमरा ईटीवी भारत की टीम ने बात की. बातचीत में ये बातें बिल्कुल अफवाह साबित हुईं. गांव के लोगों ने इस खबर को अफवाह बताया. उन्होंने कहा कि गांव को बदनाम किया जा रहा है.
'कुल्हड़िया गांव में कोरोना से इतनी मौतें नहीं हुई हैं. ना ही यहां की इतनी बड़ी जनसंख्या कोरोना से पीड़ित है. कुल्हड़िया गांव बिल्कुल सुरक्षित है. यहां कुछ मौतें हुई हैं. लेकिन कोरोना से नहीं हुई है. कुछ लोग बीमारी से मरे हैं या उनकी उम्र अधिक हो गयी थी जो कि आम बात है. यह खबर पूरी तरह से अफवाह है.'-अजय सिंह, कुल्हड़िया गांव निवासी
पटना में रहते थे पिता
बता दें कि अजय सिंह के पिता खुद कोरोना पॉजिटिव थे. उनकी मौत हो चुकी है लेकिन वे कुल्हड़िया में नहींं थे और ना ही वे यहां संक्रमित हुए थे. कुल्हड़िया निवासी अजय सिंह ने कहा कि मेरे पिता पटना में रहते थे और वहीं उनकी मौत इलाज के दौरान हुई है. मैं कैसे कह दूं कि कुल्हड़िया में उनकी मौत हुई है. वहीं, कुंदन कुमार सिंह ने कहा कि गांव में पिछले दो महीनों में जरूर मौत के आंकड़े बढ़े हैं लेकिन सभी को कोरोना से हुई मौत कह देना कहीं से उचित नहीं है.
'गांव में जितने भी लोग मरे हैं, उनमें से करीब 90 प्रतिशत लोग उम्र बढ़ने की वजह से मरे हैं. जो भी मरे हैं, उनमें से किसी की भी जांच नहीं की गई थी. तो किस आधार पर बोला जा सकता है कि कोरोना से इतने लोगों की मौत कुल्हड़िया में हुई है.'-कुंदन कुमार सिंह, कुल्हड़िया निवासी
यह भी पढ़ें- बिहार में ब्लैक फंगस के 25 नए मामले, कुल संक्रमितों की संख्या हुई 207