भोजपुर: बिहार सरकार (Bihar Government) जहां ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ संबंधित सुविधाएं (Health Care Facilities) पहुंचाने का दावा कर रही है. जिसके तहत हर पंचायत में उपस्वास्थ्य केंद्र (Sub-Health-Center) भी खोले गए हैं. लेकिन कोईलवर प्रखंड के कई पंचायतों के स्वास्थ्य केंद्र की हालत खराब है. जिससे लोगों को इलाज कराने शहर जाना पड़ता है.
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उपस्वास्थ्य केंद्र अक्सर रहता है बंद
अमूमन लगभग सभी पंचायतों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई है. कुल्हड़िया पंचायत, राजापुर, मानिकपुर के उप स्वास्थ्य केंद्रों की हालत बदतर है. स्थानीय लोगों ने बताया कि जब बच्चों को टीका दी जाती है तो स्वास्थ्यकर्मी आते हैं. उसके बाद कई सप्ताह तक उपस्वास्थ्य केंद्र बंद रहता है. वहीं कोरोना जैसे विपदा के समय में भी ये उपस्वास्थ्य केंद्र अक्सर बंद ही रहे. जिस कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं मानिकपुर उपस्वास्थ्य केंद्र का भवन जर्जर होने के कारण पास के एक सरकारी विद्यालय में कई सालों से उपस्वास्थ्य केंद्र संचालित हो रहा है. सरकार भले ही अस्पतालों को हाईटेक बनाने की दावा करती हो पर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. ताजा मामला जिले के कोईलवर प्रखंड के कुल्हड़िया गांव के उपस्वास्थ्य केंद्र का है. जहां कोरोना जैसे महामारी में भी यह उपस्वास्थ्य केंद्र कई महीनों से बंद पड़ा था.