अपनी मांगों को लेकर वीसी से बात करने पहुंची छात्राएं आराःबिहार के आरा की वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी (Veer Kunwar Singh University ) में सैकड़ों की संख्या में छात्राएं प्रशासनिक भवन पहुंची और कुलपति एवं कुलसचिव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. छात्राओं के इस रौद्र रूप को देखकर विश्वविद्यालय के कुलपति सहित तमाम पदधिकारी घंटों अपने विभागों में दुबके रहे. उधर छात्राएं अपनी मांगों को लेकर अड़ी रहीं.
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छात्राएं कर रही थी मूल प्रमाणपत्र की मांगः दरअसल हंगामा तब शुरू हुआ जब आरा के महाराजा कॉलेज के स्नातक कॉमर्स संकाय और रोहतास के डालमियानगर महिला कॉलेज की कॉमर्स और विज्ञान संकाय की छात्राएं अपनी डिग्री सर्टिफिकेट और मूल प्रमाण पत्र की मांग को लेकर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन पहुंची. उन्हें विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों ने 10 दिनों बाद आने को कहा. फिर क्या था यूनवर्सिटी के पदाधिकारियों के टाल-मटोल के रवैये से भड़की छात्राएं वीसी और प्रो वीसी चैम्बर का बाहर बैठ गई और नारेबाजी करने लगीं.
कॉमर्स की छत्राओं को नहीं मिल रहा सर्टिफिकेट महीनों से लगा रही विवि का चक्करः महाराजा कॉलेज और डालमिया महिला कॉलेज से आई 200 से ज्यादा छात्राओं के मुताबिक उनमें से कुछ छात्राओं ने 2015-18,2016-19,2017-20 और 2018-21 सत्र में अपना स्नातक का पाठ्क्रम पूरा किया है, लेकिन उन्हें ना तो उनका डिग्री सर्टिफिकेट दिया जा रहा है और ना ही मूल प्रमाण पत्र. छात्राओं के मुताबिक वो महीनों से यूनिवर्सिटी का दौड़ लगा रही हैं लेकिन यूनिवर्सिटी के पदाधिकारी उन चार सत्रों में महाराजा कॉलेज के कॉमर्स संकाय और डालमियानगर महिला कॉलेज के कॉमर्स और विज्ञान संकाय की संबद्धता बिहार सरकार के शिक्षा विभाग से ना होने का हवाला देकर उन्हें परेशान कर रहे हैं.
"महीनों से यूनिवर्सिटी की दौड़ लगा रहे हैं. दो साल से परेशान हैं, कभी एग्जाम लेने के लिए तो कभी प्रमाण पत्र के लिए, लेकिन यूनिवर्सिटी के पदाधिकारी उन चार सत्रों में महाराजा कॉलेज के कॉमर्स संकाय और डालमियानगर महिला कॉलेज के कॉमर्स और विज्ञान संकाय की संबद्धता बिहार सरकार के शिक्षा विभाग से ना होने का हवाला देकर परेशान कर रहे हैं"- छवि प्रिया,छात्रा
मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का लाभ नहींः छात्राओं का कहना है कि जब दोनों कॉलेजों के कॉमर्स और विज्ञान संकाय की संबद्धता राज्य सरकार से नहीं थी तो उन सत्रों में एडमिशन क्यों लिए गए और परीक्षाएं क्यों आयोजित की गई. छात्राओं ने बताया कि यूनिवर्सिटी ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ एफआईआर करने की भी बात कही थी, लेकिन किसी पर कोई कार्रवाई अब तक नहीं की गई. अब उन्हें डिग्री और मूल प्रमाण पत्र ना मिलने से मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है. आगे की पढ़ाई में भी बाधा आ रही है.
पदाधिकारियों ने दिया आश्वासनः इधर छात्राओं के समर्थन में पहुंचे भाकपा-माले की छात्र इकाई आईसा और एबीवीपी के छात्र कार्यकर्ताओं के पहल के बाद यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. शैलेंद्र चतुर्वेदी और छात्र कल्याण पदाधिकारी प्रो. रणविजय सिंह ने छात्राओं को 20 से 25 दिनों के भीतर दोनों प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का आश्वासन देकर छात्राओं को शान्त कराया.