भोजपुर: जिले में वर्चस्व को लेकर बुधवार को कुख्यात दीपू चौधरी की हत्या आरा शहर के पकड़ी चौक स्थित सर्किट हाउस के पास कर दी गई. हत्या के बारे में बताया गया कि जेल में बंद बूटन चौधरी को बुधवार को आरा कोर्ट में पेशी थी. इसी दौरान दीपू चौधरी और उसका साथी अजय चौधरी खर्चा पानी देने के लिए आरा कोर्ट आया था. तभी लौटते वक्त अपराधियों ने दीपू चौधरी और अजय चौधरी को दौड़ाकर बीच बाजार में गोली मारी. दीपू चौधरी की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि अजय चौधरी जख्मी हो गया. आरोपी उसे नाली में फेंककर आराम से हथियार लहराते हुए निकल गए.
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बूटन चौधरी और रंजीत चौधरी में गैंगवार की कहानी
कभी बूटन और रंजीत जिगरी दोस्त हुआ करते थे. दोनों में दांत काटी रोटी थी. विश्वसनीय सूत्रों की माने तो बूटन चौधरी रणवीर सेना में एरिया कमांडर हुआ करता था. उस समय से रंजीत चौधरी और बूटन चौधरी एक साथ रहते थे. आरोप है कि उन्होंने कई बड़ी वारदातों को साथ में अंजाम भी दिया. लेकिन साल 2011-12 में दोनों के बीच मामूली जमीन के टुकड़े को लेकर विवाद शुरू हुआ और एक छोटा सा विवाद वर्चस्व की लड़ाई में तब्दील हो गया.
अत्याधुनिक हथियारों का शौकीन है बूटन
कुख्यात बूटन चौधरी एके-47 राइफल समेत अत्याधुनिक हथियारों का काफी शौकीन भी माना जाता है. ठीक 5 साल पहले 5 मार्च 2016 को भोजपुर पुलिस ने उसे हथियारों के जखीरे के साथ अरेस्ट किया था. तब बूटन के पास से 1 एके-47, एक रेगुलर रायफल, 3 देशी कट्टे, एके-47 के 29 जिंदा कारतूस और राइफल की 31 गोलियां बरामद की गई थीं. तत्कालीन एसपी नवीन चंद्र झा के मुताबिक उस वक्त बूटन चौधरी उदवंतनगर के बेलाउर में एक शादी समारोह में अत्याधुनिक हथियारों के साथ पहुंचने वाला था. लेकिन जैसे ही इसकी सूचना पुलिस को मिली, पुलिस ने फौरन जाल बिछाया और बूटन को हथियारों के साथ धर दबोचा.
गिरफ्तारी के 3 साल बाद 2019 में उसे अत्याधुनिक हथियार रखने का दोषी पाया गया. इस बात की चर्चा जोरों पर रही है कि 2016 में बूटन चौधरी को पकड़वाने के मामले में गांव के रंजीत चौधरी ने भूमिका निभाई थी. इसके अलावा ये भी चर्चा है कि रंजीत चौधरी का खेत बेईमानी से बूटन चौधरी ने अपने नाम करा लिया था इसके बाद से ही बूटन चौधरी, रंजीत के खून का प्यासा हो गया.