भोजपुर:साइबेरिया से हजारों किलोमीटर की दूरी तय करके साइबेरियन पक्षी जिले के कायमनगर पहुंचकर डेरा डाले हुए हैं. मेहमान पक्षी ने यहां के हरे-भरे पेड़ों पर अपना आशियाना बनाया है. आरा-पटना मुख्य मार्ग के किनारे इन मेहमान पक्षियों की मौजूदगी राहगीरों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. वहीं, सड़क निर्माण कार्य के कारण इन पक्षियों का आशियाना उजड़ने की बात कही जा रही है.
कायमनगर के सड़क किनारे दर्जनों पेड़ पर करीब 2000 से ज्यादा साइबेरियन पक्षी अपना घोंसला बनाकर उसमें प्रजनन करते हैं. सड़क पर आते-जाते लोग अपने मोबाइल के कैमरे में इनके कलरव कैद करते दिख जाते हैं. ये पक्षी यहां अमूमन 180 दिनों के लिए आते हैं. इस बीच प्रजनन करते हैं और अपने बच्चों को उड़ने योग्य बनाते हैं. पक्षियों के यहां आने की प्रमुख वजह कायमनगर, कोइलवर, वीरमपुर के आसपास के धान की खेतों, मछलियां और कीड़े-मकौड़े आसानी से मिल जाते हैं.
प्रजनन के लिए जलवायु बेहद उपयुक्त
जानकारों की मानें तो मुख्य रूप से उजले और हल्के भूरे पंख के साथ-साथ काले रंग के ये साइबेरियन पक्षी अप्रैल-मई के महीने में आर्कटिक महासागर और पश्चिमी रूस में बर्फ पिघलने पर पलायन कर जाते हैं. पक्षी प्रेमी बताते हैं कि साइबेरियन पक्षी के यहां आने की मुख्य वजह प्रजनन है. यहां की जलवायु बेहद उपयुक्त होती है. इसलिए पक्षी कायमनगर बाजार के पास पेड़ पर अपना आशियाना बनाते हैं और इसी आशियाने में घोंसला तैयार कर अंडे देते हैं. करीब 27 से 28 दिनों में अंडे से बच्चों को निकलने का सिलसिला शुरू हो जाता है.
पेड़ पर बैठे साइबेरियन पक्षी सड़क निर्माण से उजड़ जाएगा आशियाना
दशकों से भोजपुर आ रहे हैं ये साइबेरियन पक्षी संभवत अब अगले साल भोजपुर के कायमनगर में ना आ पाए. भोजपुर में तेजी से सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है. ऐसे में सड़क चौड़ीकरण को लेकर कायमनगर के सड़क के किनारे पेड़ जिस पर यह साइबेरियन पक्षी अपना आशियाना बनाते हैं. वो उजड़ जाएगा, जिससे इनके घोसले में जहां अंडे बर्बाद हो जाएंगे. वहींं, ये पक्षी बेसहारे हो जाएंगे.
लोगों ने की कुछ समय देने की अपील
स्थानीय लोगों की मानें तो पक्षियों की कलकलाहट से कायमनगर गुलजार रहता है. इनके चले जाने से हम लोगों को काफी मायूसी होगी. वहीं, लोगों ने ईटीवी भारत के माध्यम से सरकार से अपील की है कि ये प्रवासी पक्षी अक्टूबर के बाद अपने देश में चले जाते हैं. ऐसे में इन्हें कुछ समय दिया जाए. ताकि इनके घोसलें बर्बाद ना हो.