आरा:बिहार के भोजपुर में1857 की क्रांति के नायक बाबू वीर कुंवर सिंह के वंशज रोहित सिंह उर्फ बबलू सिंह की मौत (Death of Veer Kunwar Singh Realitive)हो गयी है. मौत के बाद से आक्रोशित लोगों की ओर से लगातार कई जगहों पर विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है. परिजन और स्थानीय लोग जगदीशपुर में रोहित सिंह की मौत के लिए पुलिस पिटाई को जिम्मेदार बताकर मामले में जगदीशपुर डीएसपी सहित अन्य दोषी पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं. इस दौरान लोगों ने रोहित सिंह की मौत मामले की सीबीआई से जांच कराने की भी मांग की.
ये भी पढ़ें- 1857 की क्रांति के नायक बाबू वीर कुंवर सिंह के वंशज की पुलिस पिटाई से मौत! जांच के लिए SIT गठित
रोहित की मौत के विरोध में बंद है जगदीशपुरःरोहित सिंह के मौत के बाद राज्य के अलग-अगल हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है. वहीं इसके विरोध में आरा के जगदीशपुर में बुधवार को बाजार पूरी तरह से बंद रहा. इसे लेकर कल से ही बवाल देखा जा रहा है. बंद के दौरान सड़कों पर सिर्फ पुलिस और प्रशासन की गाड़ियां नजर आयी. वहीं घटना के बाद से इलाके में सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ा दी गयी है. वरीय अधिकारी जिले में कैंप कर रहे हैं.
रोहित की मौत के लिए सीआईडी और सीआईएटी को बताया जा रहा जिम्मेदारःमृतक रोहित सिंह उर्फ बबलू सिंह की मां और परिजनों ने आरोप लगाया कि रोहित की मौत के लिए जिम्मेदार स्थानीय पुलिस और जगदीशपुर किला परिषद की सुरक्षा में मौजूद सीआईएटी के जवान है. वहीं सुरक्षा में मौजूद सीआईएटी (Counter Insurgency & Anti Terrorism) जवान पर पीटकर हत्या करने का आरोप लगाया गया है. मृतक की मां पुष्पा सिंह के मुताबिक सोमवार की रात उनके बेटे रोहित ने सीआईएटी जवान को एक लड़की के साथ किला परिसर में देखा था. रोहित ने इसका विरोध किया तो सीआरपीएफ जवानों ने उसके साथ मारपीट की थी. पुष्पा सिंह के मुताबिक उनको देखते ही सीआईएटी जवान मौके से फरार हो गया. इसके बाद रोहित घर आ गया. थोड़ी देर बाद सब कुछ ठीक-ठाक रहा, लेकिन देर रात रोहित कहीं चला गया.
पुलिस प्रशासन ने नहीं दी रोहित की मौत की खबरः मंगलवार को किसी ने उनके फोन पर रोहित की मौत पर जगदीशपुर रेफरल अस्पताल में हंगामा की जानकारी दी. पुष्पा सिंह ने बताया कि जानकारी मिलने के बाद दोपहर 1 बजे जब रेफरल अस्पताल पहुंची तो वहां रोहित की मौत हो चुकी थी. उस दौरान उसके बेटे का इलाज और मौत की खबर उन्हें अस्पताल के डॉक्टरों और स्थानीय पुलिस की ओर से नहीं दी गयी थी.