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भोजपुर में साइबेरियन पक्षियों के आशियाने उजड़े, स्थानीय लोगों ने किया प्रदर्शन - Siberian Birds and Eggs

कायमनगर के सड़क के किनारे दर्जनों पेड़ों पर करीब 2000 से ज्यादा साइबेरियन पक्षी अपना घोंसला बनाकर उसमें प्रजनन करते हैं. वहीं फोर लेन सड़क निर्माण के कारण कायमनगर के दर्जनों हरे भरे पेड़ों को काटा जा रहा है. जिसमें साइबेरियन पक्षियों के अंडे और बच्चे घोंसले समेत खराब हो गए.

भोजपुर
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Published : Aug 29, 2020, 11:02 PM IST

भोजपुर: सरकार जल जीवन हरियाली पर करोड़ो रूपये खर्च कर पर्यावरण संरक्षण की बात कहती है. वहीं दूसरी तरफ हजारो किलोमीटर की दूरी तय करके वर्षों से प्रजनन के लिए कायमनगर आ रहे साइबेरियन पक्षियों का सरकार द्वारा आशियाना उजाड़ा जा रहा है. जिससे उनके बच्चे और अंडे पेड़ से गिरकर बर्बाद हो रहे हैं.

नगर निगम द्वारा काटे गए पेड़

बता दें कि कायमनगर के सड़क के किनारे दर्जनों पेड़ों पर करीब 2000 से ज्यादा साइबेरियन पक्षी अपना घोंसला बनाकर उसमें प्रजनन करते हैं. वहीं फोर लेन सड़क निर्माण के कारण कायमनगर के दर्जनों हरे भरे पेड़ों को काटा जा रहा है. जिसमें साइबेरियन पक्षियों के अंडे और बच्चे घोंसले समेत खराब हो गए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'प्रजनन के लिए आते हैं साइबेरियन पक्षी'
घटना से आक्रोशित स्थानीय पक्षी प्रेमियों ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तरफ सरकार जल जीवन हरियाली पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. वहीं दूसरी तरफ साइबेरिया से प्रजनन के लिए आए पक्षियों का घर उजाड़ा जा रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि ये मेहमान हमारे यहां अप्रैल माह में आते हैं. वहीं प्रजनन के बाद अक्टूबर और नवंबर में अपने बच्चों के साथ अपने देश लौट जाते हैं.

स्थानीय पेड़ों पर साइबेरियन पक्षी

'पहले ही जिलाधिकारी से लगाया था गुहार'
पेड़ों की कटाई नवंबर माह तक रुकवाने के लिए स्थानीय लोगों ने पहले ही जिलाधिकारी से गुहार भी लगाया था. लेकिन सड़क निर्माण में लगे कर्मियों की लापरवाही के कारण सैकड़ों साइबेरियन पक्षियों का आशियाना उजड़ गया. बता दें कि साइबेरियन पक्षियों के यहां आने की मुख्य वजह प्रजनन है. यहां की जलवायु बेहद उपयुक्त होती है. इसलिए पक्षी कायमनगर बाजार के पास पेड़ों पर अपना आशियाना बनाकर अंडे देते हैं. वहीं करीब 28 से 30 दिनों में अंडे से बच्चों के निकलने का सिलसिला शुरू हो जाता है.

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