बिहार

bihar

ETV Bharat / state

लाठी को हाथों से पकड़ घंटों तक रोते रहे शहीद चंदन के पिता, नहीं पूरा हो सका शादी का अरमान - bhojpur news

चंदन कुमार की शादी की तारीख इसी साल 1 मई को तय हो गई थी. लेकिन कोरोना में लॉकडाउन के चलते शादी की तारीख आगे बढ़ा दी गई थी. दिल में शादी का अरमान लिए शहीद चंदन वीरगति को प्राप्त हो गए. आज पूरा गांव अपने लाल पर गर्व महसूस कर रहा है.

बूढ़े पिता
बूढ़े पिता

By

Published : Jun 19, 2020, 9:47 AM IST

Updated : Jun 19, 2020, 11:07 AM IST

भोजपुर(जगदीशपुर):लद्दाख के गलवान घाटी में भारत- चीनी सैनिकों की झड़प में शहीद हुए भोजपुर के जवान चंदन कुमार का पार्थिव शरीर उनके गांव ज्ञानपुरा पहुंचा. सैनिकों के कंधे पर अपने लाल का शव देखते ही जवान के पिता का सब्र टूट गया और घंटों तक फूट-फूटकर रोते रहे.

शहीद का पार्थिव शरिर

देश पर अपने लाल को न्योछावर कर देने वाले बूढ़े पिता ह्रदयानंद सिंह कुछ बोलने की हालत में नहीं हैं. हाथ में लाठी का सहारा लिए ये पिता अपने बूढ़ापे के सहारे को खोकर इस कदर गम में डूबे कि आंखों के आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे. पास खड़े रिशतेदार चंदन के पिता को संत्वना दे रहें हैं. देश की खातिर आप का बेटा शहीद हुआ है. पूरे देश को उस पर गर्व है. चंदन कुमार की मां धर्मा देवी का भी रो- रोकर बुरा हाल है.

रोते हुए शहीद के पिता

नहीं बंध सका बेटे के सिर पर शादी का सेहरा
अपने चार बेटों को सेना में भेजने वाले मजबूत इरादे वाले चंदन कुमार के पिता शायद इसलिए ज्यादा गमगीन हैं कि वह अपने जवान बेटे के सिर पर शादी का सेहरा भी नहीं देख पाए. दरअसल शहीद चंदन कुमार की शादी की तारीख इसी साल 1 मई को तय हो गई थी. लेकिन कोरोना में लॉकडाउन के चलते शादी की तारीख आगे बढ़ा दी गई थी.

शहीद चंदन कुमार

ये भी पढ़ेंःLIVE: देश के शहीदों को अंतिम सलाम, चीन मुर्दाबाद के लग रहे नारे

ह्रदयानंद के सबसे छोटे बेटे थे चंदन
चंदन कुमार भोजपुर जिले के जगदीशपुर प्रखंड के कौरा पंचायत के ज्ञानपुरा गांव निवासी ह्रदयानंद सिंह के सबसे छोटे बेटे थे. चंदन कुमार जुलाई 2017 में बिहार रेजिमेंट के- 16 वी कंपनी में भर्ती हुए थे. फिलहाल वो लद्दाख के गलवन घाटी में भारत चीन बार्डर पर तैनात थे. चंदन कुमार बहुत मिलनसार स्वभाव के थे और जब भी अपने गांव आते सबसे मिलजुल कर ही जाते थे. चंदन कुमार आखिरी बार नवंबर 2019 को एक महीने की छुट्टी पर अपने गांव ज्ञानपुरा आए थे.

रोते हुए शहीद के परिजन और गांव की महिलाएं

पूरा परिवार देश की सेवा में
बता दें कि गदीशपुर के ज्ञानपुरा गांव निवासी ह्रदयानंद सिंह का पूरा परिवार देश की सेवा से जुड़ा है. खुद ह्रदयानंद सिंह भी होमगार्ड में जवान थे. रिटायर्ड होने के बाद गांव में ही खेती करते थे. जवान के बड़े भाई देवकुमार आर्मी के ईएमई में है. चंदन कुमार चार भाई थे. इनके दूसरे भाई संजीत कुमार तोपखाना कोर में कार्यरत हैं. तीसरे भाई गोपाल कुमार बिहार रेजिमेंट की 9 वीं कंपनी में हैं. सबसे छोटे चंदन कुमार बिहार रेजिमेंट के 16वीं बटालियन कार्यरत थे. चंदन जुलाई 2017 में बहाल हुए थे. आज चंदन की याद में पूरा गांव गमगीन है और अपने शहीद लाल पर गर्व महसूस कर रहा है.

Last Updated : Jun 19, 2020, 11:07 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details