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निगरानी विभाग का अधिकारी बनकर नाजिर से की एक लाख की डिमांड, पुलिस ने दबोचा

भोजपुर में एक जलसाज गिरफ्तार हुआ है. वह निगरानी पदाधिकारी (Fraud Vigilance Officer Arrested In Bhojpur) बनकर नाजिर के आवस पर पहुंच गया और केस रफा-दफा करन के लिए एक लाख रुपये की डिमांड करने लगा. गिरफ्तार आरोपी के पास से निगरानी विभाग के फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

भोजपुर में जालसाज गिरफ्तार
भोजपुर में जालसाज गिरफ्तार

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Published : Oct 22, 2022, 9:56 PM IST

भोजपुर:बिहार के भोजपुर (Bhojpur Crime News) पुलिस ने फर्जी निगरानी पदाधिकारी को गिरफ्तार (Fraud Vigilance Officer In Bhojpur) किया है. आरोपी आरा सदर प्रखंड में कार्यरत नाजिर के आवास पर फर्जी डॉक्यूमेंट के साथ पैसे वसूलने पहुंचा हुआ था. नाजिर ने सूझबूझ दिखाते हुए मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस को दी. जिसके बाद मौके पर पहुंची नवादा थाना की पुलिस ने फर्जी निगरानी पदाधिकारी को गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गए फ्राड के पास से निगरानी विभाग से जुड़े आठ फर्जी कागजात बरामद हुए हैं. जिस पर फर्जी मुहर भी लगा हुआ था.

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निगरानी विभाग का फर्जी लेटर भी बरामद:गिरफ्तार जालसाज की पहचान आरा टाउन थाना के अहिरपुरवा मोहल्ला का निवासी रवि शंकर के रूप में हुई है. वह आरा सदर प्रखंड में कार्यरत नाजिर नागेन्द्र कुमार के आवास पर निगरानी विभाग का फर्जी लेटर लेकर पहुंचा था. आरोपी ने नाजिर पर काला कमाई का आरोप लगाते हुए मामला रफा-दफा करने के लिए एक लाख की डिमांड की. लेकिन नाजिर को आरोपी पर संदेह हो गया. जिसके बाद उसने अपने भाई और सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी से बात की. इस बीच सूचना पर पुलिस टीम भी पहुंच गई. जिसके बाद पूछताछ के क्रम में पूरे मामले का खुलासा हो गया.



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एक लाख की डिंमाड कर रहा था जालसाज:मूल रूप से पटना जिले के बिहटा थाना क्षेत्र के आनंदपुर निवासी नागेन्द्र कुमार सिंह आरा सदर प्रखंड में नाजिर के पद पर कार्यरत हैं. उनका आवास आरा के मजिस्टेरियल कालोनी में है. आरोप है कि पकड़ा गया कथित जालसाज सुबह नाजिर के आवास पर पहुंचा था. बिहार निगरानी विभाग पटना से जारी फर्जी लेटर दिखाया. जिसमें भ्रष्ट पदाधिकारी और कर्मचारी के कालम में नाजिर नागेन्द्र कुमार का नाम व पद के साथ सरकारी आवासीय पता लिखा हुआ था. लेटर दिखाने के बाद मामले को रफा-दफा करने के एवज में एक लाख रुपये की मांग की गई.

इस तरह हुई जालसाज की गिरफ्तारी: नाजिरनागेन्द्र कुमार को संदेह हुआ तो उन्होंने अपने भाई और सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी से बात की. इस बीच सूचना पर पुलिस टीम भी पहुंच गई. फर्जी लेटर पर मुहर की जगह अधीक्षक एके सिंह अंकित था. अधिकारी का नाम वाईएस राणा अंकित था. पुलिस ने जब आरोपी से पूछताछ की तो उसने अपना नाम और पता बताया. इसके बाद दारोगा अशोक कुमार सिंह ने आरोपित जालसाज की तलाशी ली. तलाशी के दौरान फ्राड रविशंकर के पास से बिहार निगरानी विभाग पटना का मुहर युक्त आठ फर्जी लेटर बरामद हुआ.

जब्त फर्जी लेटर राजस्व कर्मचारी लक्ष्मण प्रसाद केसरी, खनन निरीक्षक अनूप त्रिपाठी, आइसीडीएस के समंवयक एसएन पांडेय, खनन निरीक्षक श्याम नंदन ठाकुर, सफाई निरीक्षक प्रेम रंजन समेत आठ के नाम से था. प्रतीत हो रहा था कि आरोपी उन्हें भी टारगेट बनाने वाला था. एक रिक्त पेपर भी मिला. आरोपी से मुहर लगे कागजात के संबंध में पूछे जाने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. पीड़ित नाजिर ने थाना में प्राथमिकी कराई है. पुलिस धोखाधड़ी अधिनियम के तहत प्राथमिकी कर पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है. आरोपित जालसाज का मोबाइल भी जब्त किया गया है. जिसे पुलिस खंगालने में लगी हुई है.

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