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Arrah Ichari Massacre: आरा नरसंहार में 30 साल बाद 9 को उम्रकैद की सजा, पूर्व मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा बरी

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Published : Apr 5, 2023, 7:51 PM IST

बिहार के आरा में चर्चित इचरी नरसंहार मामले में कोर्ट ने 30 साल बाद फैसला सुनाया. इसमें 9 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, वहीं आरोपी रहे बिहार सरकार के पूर्व मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा कोर्ट ने बरी कर दिया है. जानिए क्या है पूरा मामला...

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भोजपुरः बिहार के आरा नरसंहार में पूर्व मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा बरी (Ichari Massacre In Arrah) हो गए. कोर्ट ने बुधवार को इस मामले में फैसला सुनाया साथ ही 9 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा के साथ साथ 25-25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया. 30 साल पुराना चर्चित इचरी नरसंहार कांड में लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद कोर्ट ने 9 लोगों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सभी दोषियों को 25-25 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया. इस मामले में बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और जगदीशपुर के पूर्व विधायक भगवान सिंह कुशवाहा को कोर्ट ने बरी कर दिया है.

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आरा सिविल कोर्ट का फैसलाः इचरी नरसंहार मामले में आरा सिविल कोर्ट के एडीजे-3 सतेन्द्र सिंह की अदालत ने फैसला सुनाई. पीड़ित परिवार के लोगों ने न्यायालय के प्रति संतोष जाहिर करते हुए आभार व्यक्त किया है. बरी हुए पूर्व मंत्री और जगदीशपुर के पूर्व विधायक भगवान सिंह कुशवाहा ने कहा कि अदालत पर मुझे पूरा भरोसा था और आज कोर्ट के द्वारा जो फैसला सुनाया गया है, उसका मैं तहेदिल से स्वागत करता हूं. इधर, 9 दोषियों को पुलिस अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है.

पांच लोगों की हुई थी हत्या :सिविल कोर्ट के सहायक लोक अभियोजक और अधिवक्ता प्रशांत रंजन ने इसकी जानकारी दी. बताया कि आयर थाना क्षेत्र के आटापुर गांव के पास 29 मार्च 1993 की देर शाम घटना हुई थी. एक समाज के लोग जो भाजपा समर्थक भी थे, कहीं से ट्रैक्टर पर सवार होकर घर लौट रहे थे. इसी दौरान हथियार से लैस बदमाशों ने उनपर जानलेवा हमला कर दिया. अपराधियों ने लोगों को गोलियों से छलनी कर दिया था, इसमें 5 लोगों की गोली लगने से मौत हो गई थी. जबकि 9 लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए थे. जख्मियों में एक साह परिवार के भी सदस्य थे. इस मामले में बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह जगदीशपुर के पूर्व विधायक भगवान सिंह समेत कुल 24 के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

9 लोगों को आजीवन कारावासः लंबी कानूनी कार्रवाई और साक्ष्य गवाह के आधार पर कोर्ट में दोनों पक्षों के द्वारा अपनी-अपनी दलील भी दी गई थी. बुधवार को सिविल कोर्ट एडीजे-3 सतेन्द्र सिंह की कोर्ट ने इस मामले में 9 लोगों को दोषी करार करते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा कोर्ट ने इन सभी लोगों पर 25-25 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया है. जबकि कोर्ट ने इस मामले में एक अभियुक्त भगवान सिंह कुशवाहा को बाइज्जत बरी कर दिया है.

"घटना के समय में भी पुलिस मे मुझे निर्दोश साबित किया था. बाद में कोर्ट ने संज्ञान लेकर मेरे उपर केस चलाया, लेकिन मुझे न्यायालय पर भरोसा था. मैंने गलती नहीं की है. न मैं गलती करता हूं और करने के लिए कहता हूं. इसलिए आज कोर्ट ने मुझे बरी कर दिया है."- भगवान सिंह कुशवाहा, पूर्व मंत्री

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