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भोजपुर: पीरो में बढ़े फ्लू के रोगी, साधारण बुखार की इलाज में अस्पताल पहुंच रहे लोग

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Published : Jul 28, 2020, 5:43 PM IST

भोजपुर के पीरों में फ्लू को रोगी बढ़ रहे हैं. इसको लेकर मरीजों का अस्पताल जाने का तांता लगा है. हल्की सर्दी और बुखार होने पर लोग कोरोना के भय से घबरा रहे हैं.

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भोजपुर: जिले के पीरो में कोरोना वायरस के साथ फ्लू के रोगी बढ़ रहे हैं. सर्दी, खांसी, बुखार, शरीर दर्द के रोगी इलाज के लिए अस्पताल में जुट रहे हैं. बुखार लगने के बाद लोग दहशत में जी रहे हैं. पीरो सीएचसी में एक सप्ताह के दौरान ओपीडी में जुटने वाली अधिकांश भीड़ इसी रोग से ग्रस्त हैं. इलाज कराने पहुंचने वालों में हर पांच व्यक्ति में तीन सर्दी, खांसी, बुखार के मिल रहे हैं.

सीएचसी में एक सप्ताह के अंदर करीब 500 वैसे लोगों को चिकित्सकीय सलाह देकर घर भेजा गया. कई लोग चिकित्सक से मोबाइल फोन के जरिए भी सलाह ले रहे हैं. इससे बचने के लिए लोग चिकित्सकीय सलाह के साथ आयुर्वेद का सहारा भी ले रहे हैं. वहीं, इसके अलावा कई तरह के विटामीन लेने के साथ-साथ काढ़ा का इस्तेमाल भी कर रहे हैं.

प्रभारी चिकित्सा ने दी जानकारी
सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ. राजीव कुमार ने बताया कि हर बुखार कोरोना नहीं होता है. उन्होंने कहा कि बारिश के दिनो में वायरस के पनपने से हर साल ऐसा होता ही है. लोग वर्तमान वायरस से दहशत में हैं, जिससे उपाय करने में लगे हैं. डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि चिकित्सक के अनुसार डरने की आवश्यक्ता नहीं है. हालांकि बुखार लगने के बाद सलाह से दवा लें और एहतियात बरतें.

डॉक्टर ने आगे कहा कि गंभीर बीमारी वाले लोगों को विशेष एहतियात बरतनी होगी, जो कि लोग नहीं बरत रहे हैं. पीरो, हसनबाजार, जितौरा, अगिआंव बाजार में भीड़ कम नहीं हो रही है. अधिकांश दुकानदार मनमानी कर रहे हैं. दुकान के बाहर बैठकर ग्राहकों को इंतजार करते देखे जा सकते हैं. प्रभारी चिकित्सा ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान वैसे लोगों पर सख्ती नहीं होने से इनकी मनमानी चरम पर है.

नहीं बना कंटेनमेंट जोन
पीरो में शिक्षक की कोरोना से मौत के बाद उस क्षेत्र में दूसरे दिन भी कंटेनमेंट जोन नहीं बन सका है. मोहल्ले के लोगों के अनुसार वे लोग दहशत में हैं. घेराबंदी नहीं होने से लोग सशंकित हैं. वहीं स्थानीय सीएचसी में रविवार को पांच व्यक्तियों की कोरोना जांच हुई. प्रभारी डाॅ. राजीव कुमार के अनुसार सभी व्यक्ति निगेटिव हैं. इसमें चार व्यक्ति मृत शिक्षक के परिवार के थे. जबकि एक एएनएम थी, जो पाॅजिटिव के संपर्क में थी.

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