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भोजपुर: CAA और NRC के विरोध में भाकपा माले ने निकाला सड़क मार्च

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Published : Jan 23, 2020, 11:39 PM IST

भाकपा माले के केंद्रीय कमेटी के सदस्य मोहम्मद सलीम भी संविधान बचाओ-देश बचाओ-नागरिकता बचाओ सम्मलेन में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि इंसाफ मंच और भाकपा माले केंद्र सरकार की इस साजिश से देश की जनता को बचाने के लिए अभियान चला रही है. यह कानून हमारे संविधान की मूल भावना के खिलाफ है.

सड़क मार्च
सड़क मार्च

भोजपुर:जिले के पीरो में सीएए और एनआरसी के विरोध में भाकपा माले ने सड़क पर मार्च निकाला. इस मार्च में सैकड़ों लोग हाथों में सीएए और एनआरसी के विरोध में स्लोगन लिखी तख्तियां लिए मार्च में शामिल हुए. मार्च के दौरान लोग सीएए और एनआरसी वापस लेने की मांग करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. विरोध मार्च नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए पीरो के पड़ाव मैदान में पहुंचा. जहां इसका समापन किया गया.

'देश आर्थिक मंदी से गुजर रहा देश'
भाकपा माले के केंद्रीय कमेटी के सदस्य मोहम्मद सलीम भी 'संविधान बचाओ-देश बचाओ-नागरिकता बचाओ' सम्मलेन में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि इंसाफ मंच और भाकपा माले केंद्र सरकार की इस साजिश से देश की जनता को बचाने के लिए अभियान चला रही है. यह कानून हमारे संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. देश की अवाम इस कानून को स्वीकार नहीं करती है. सलीम ने कहा कि मोदी-शाह देश मे बेरोजगार नौजवानों की बात नही करते. आज देश आर्थिक मंदी से गुजर रहा है. वे शिक्षा-स्वास्थ, महंगाई, भ्रष्टाचार पर नहीं बोल रहे हैं.

भाकपा माले ने निकाला सड़क मार्च

'संसद में सीएए का समर्थन क्यों'
तरारी विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि नीतीश जी संविधान और धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों की रक्षा का दावा करते हैं. लेकिन उनका यह दावा पूरी तरह फेल हो चुका है. सीएए, एनआरसी और एनपीआर एक ही पैकेज प्रोग्राम है. यह नहीं चल सकता कि आप एनआरसी के खिलाफ हों और सीएए का समर्थन कर रहे हों. एनपीआर पर उन्होंने चुप्पी साध रखी है. बिहार की जनता उनसे जवाब चाहती है कि आखिर उन्होंने संसद में सीएए का समर्थन क्यों किया. बिहार में सीएए-एनआरसी-एनपीआर को लागू न करने का प्रस्ताव पारित करवाने की मांग हमने विधानसभा में उठाई है. लेकिन नीतीश जी जल-जीवन-हरियाली के नाम पर गरीबों को उजाड़ने में लगे हैं.

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