भोजपुर:सरकारी, प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में मध्याह्न भोजन परोसने वाली रसोईयों ने मानदेय वृद्धि और क्वारंटीन सेंटरों में भोजन बनाने के बाद पारिश्रमिक भुगतान नहीं होने पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रही रसोइयों ने कहा कि वे पिछले पंद्रह वर्षों से विद्यालयों में बच्चों के लिए भोजन बनाने और परोसने का काम कर रही हैं. इसके बदले उन्हें 1500 रुपये मानदेय का भुगतान किया जाता है.
मानदेय भुगतान का दिया था भरोसा
प्रतिदिन 50 रुपये मानदेय के बदले उन्हें 6 घंटे से भी ज्यादा समय तक काम करना पड़ता है. महंगाई के इस दौर में प्रतिदिन पचास रुपये का मानदेय ऊंट के मुंह में जीरा वाली कहावत चरितार्थ करता है. तीन साल पहले उन्हें सम्मानजनक मानदेय भुगतान का भरोसा दिलाया गया था. बावजूद इस पर कोई विचार नहीं किया गया.