भोजपुर: बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की ओर से अपने प्रमुख मांगों को लेकर राज्य के सभी थोक और खुदरा दवा दुकान को बंद रखा गया है. एसोसिएशन की ओर से 22 जनवरी से 24 जनवरी तक के लिए 3 दिनों की हड़ताल की घोषणा की गई है. हड़ताल के पहले दिन ही जिले में दवा दुकानों के बंद रहने के कारण लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं.
दवा दुकानों की हड़ताल से मरीज परेशान बता दें कि विभागीय उत्पीड़न और शोषण के विरोध में केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने राज्य की सभी दवा दुकानों को बंद रखने का आह्वान किया है. जिसके कारण प्रदेश में दवा दुकानें बंद है.
72 घंटे के लिए सभी दवा दुकानें बंद
केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि भोजपुर में 72 घंटे के लिए सभी दवा दुकानें बंद रहेगी. प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खुले रहेगें. उन्होंने कहा कि अगर सरकार हमारी बातें नहीं मानती तो आगे और कड़ा रुख अख्तियार करेंगे. वहीं, दूर गांव से आरा शहर मुख्यालय दवा लेने आये मरीजों को बैरंग अपने गांव वापस लौटना पड़ा.
दवा नहीं मिलने से लोग परेशान केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की प्रमुख मांगें:-
- फार्मासिस्ट समस्या का जबतक सरकार की ओर से समाधान नहीं हो जाता है तब तक विभाग के जारी किए गए सभी अनुज्ञप्तिधारी के साथ निरीक्षण के दौरान इस नियम की आड़ में विभागीय उतपीड़न और शोषण को बंद किया जाए. इस नियम के आलोक में किए गए विभागीय कारवाई के उपर राहत दी जाए.
- दवा दुकानों के निरीक्षण ड्रग एक्ट में परिभाषित ( फॉर्म 35 ) के अनुसार ही हो.
- निरीक्षण के लिए जारी किए गए विभागीय ज्ञापांक 262 (15 ) , दिनांक 29 .03.2019 को अविलम्ब निरस्त किया जाए.
- निरीक्षण के क्रम में पाए गए तकनीकी गलतियों के उपर दंडित करने से पहले उसे सुधार के लिए उचित समय दिया जाए.
- राज्य की दवा दुकानों में विभागीय निरीक्षण में एकरूपता और पारदर्शिता बनी रहे इसके लिए विभाग की ओर से एक दिशा-निर्देश जारी किया जाए. इसकी पूरी जानकारी राज्य के केमिस्टों को हो.
- अनुज्ञप्ति के नवीनीकरण में केंद्र सरकार की जारी अधिसूचना के आलोक में राज्य औषधि नियंत्रण के चालान जमा करने में एक स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया जाए.
- विभागीय निरीक्षण का उद्देश्य सुधार करने का होना चाहिए न की उसके नाम पर उत्पीड़न और शोषण किया जाए.