भोजपुर:जितना जरूरी 'विकास' (Development) है, उतनी ही आवश्यक शिक्षा है. बिना 'शिक्षा' (Education) के 'विकास' अधूरा है. लेकिन बिहार के भोजपुर में जो हो रहा है उसे क्या कहा जाए? दरअसल, केंद्र सरकार की बहुप्रतीक्षित पटना-बक्सर फोरलेन (Patna-Buxar Four lane) के लिए कोइलवर हाईस्कूल (Koilwar High School) को कुर्बान कर दिया गया. आज फोरलेन का काम तेजी से प्रगति पर है. वहीं दूसरी ओर कोइलवर हाई स्कूल के अधिग्रहण और टूटने के 2 साल बाद भी भवन बनाने का काम शुरू नहीं हुआ.
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कोरोना के चलते फिलहाल कक्षाएं मार्च 2020 से प्रभावित हैं. फिर भी विद्यालय के लिए जमीन और भवन की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से मामला तूल पकड़ता जा रहा है. बार- बार विभाग के अफसरों और जनप्रतिनिधियों को ध्यान दिलाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं है. इस सरकारी स्कूलमें जो बच्चे नामांकित हैं, स्कूल खुलते ही कहां पढ़ने जाएंगे? इसको लेकर अभिभावकों में चिंता भी है और गुस्सा भी.
कोइलवर हाई स्कूल में 1600 छात्रों का नाम दर्ज है. यानी इतने ही बच्चों का भविष्य अधर में है. उनका भवन पूरी तरह से टूट चुका है. जो बचा है वो खंडहर बन गया है. लोगों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि जल्द ही इस विद्यालय को बनवाकर अध्यापन व्यवस्था को बहाल करें.