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भोजपुर: जिले में पशु स्वास्थ्य रक्षा पखवारा की शुरुआत, जानवरों का किया जाएगा टीकाकरण - पशुओं को तेज बुखार

दुधारू पशुओं में खुरपका और मुंहपका रोग का खतरा ज्यादा होता है. इसमें समय से पशुओं को इलाज नहीं मिलने पर उनकी मौत तक हो जाती है. यह एक फैलने वाली बीमारी होती है. टीकाकरण से पशुओं को इन रोगों से सुरक्षित किया जा सकता है.

पशु स्वास्थ्य रक्षा पखवारा का विधिवत शुरूआत

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Published : Nov 17, 2019, 10:23 AM IST

भोजपुर: जिले के पिरो प्रखंड में पशु एवं मतस्य संसाधन विभाग के तहत पशु स्वास्थ्य रक्षा पखवारा का विधिवत शुरूआत की गई. इस पखवारे में पशुओं का टीकाकरण के साथ-साथ किसानों को पशु संबंधित रोगों से जागरूक किया जाएगा. अभियान का उद्धाटन पशुपालन पदाधिकारी डॉ शोभा कुमारी, डॉ निरंजन कुमार और नगर पंचायत उपाध्यक्ष संतोष कुमार ने संयुक्त रूप से किया.

'29 नवम्बर तक चलेगा अभियान'
इस बाबत पशु पालन पदाधिकारी डॉ. शोभा कुमारी ने बताया कि पशुओं मे आम तौर पर दो जानलेवा रोग होतें है. पहला खुरपका और दुसरा मुंहपका. इस रोग से पशुओं के मुंह और खुर ( पशुओं का पैर) में दाने निकल आते है. इससे जानवरों को काफी कष्ट होता है. यह रोग खासकर गाय और भैंस को होता है. जिससे उनकी दूध देने की क्षमता कम हो जाती है. सही समय पर पशुओं का इलाज नहीं होंने पर पशुओं की जान भी जा सकती है. उन्होंने बताया कि यह अभियान 29 नवम्बर तक चलेगा. जिसके तहत पशु चिकित्सक अपने टीम के साथ गांव- गांव जाकर पशुओं का टीकाकरण करेंगे.

अभियान का उद्धघाटन करते पशुपालन पदाधिकारी के साथ अन्य

दुधारू पशुओं में होता है यह रोग
पशु चिकित्सक बताते है कि दुधारू पशुओं में खुरपका और मुंहपका रोग का खतरा ज्यादा होता है. इसमें समय से पशुओं को इलाज नहीं मिलने पर उसकी उनकी मौत तक हो जाती है. यह एक फैलने वाली बीमारी होती है. टीकाकरण से पशुओं को इन रोगों से सुरक्षित किया जा सकता है.

पेश है एक रिपोर्ट

खुरपका और मुंहपका रोग के लक्षण
बताया जाता है कि इस रोग से पीड़ित पशुओं को तेज बुखार के साथ मुंह से लार निकलने लगता है. पशुओं के मुंह और खुरों में छाले पड़ जाते है. रोगग्रस्त जानवर खाना पीना भी कम कर देते है. जिसके चलते वे कुछ दिनों में ही कमजोर हो जाते हैं और उसकी कार्यक्षमता क्षीण हो जाती है.

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