भागलपुर: शहर को साफ और सुंदर रखने के लिए निगम प्रशासन ने कई जगहों पर शौचालय का निर्माण कराया था. जिससे सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) सफल हो सके. यही नहीं ये अत्याधुनिक शौचालय केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना के निर्धारित मापदंड को पूरा कर सके. लेकिन अब जिले में बनाए गए इन शौचालयों का हाल दयनीय है.
विभागीय लापरवाही और उचित रखरखाव के अभाव में लाखों रुपए की लागत से बनाए गए शौचालय बदहाल स्थिति में पहुंच चुके हैं. यहां आम लोगों की सुविधा के लिए बनाए गए स्मार्ट बायो टॉयलेट और यूरिनल का खस्ता हाल है. वहीं, निगम के बनाए गए शौचालय के ताले 2 साल बाद भी नहीं खुले हैं. फाइबर और स्टील से बने 15 बायो यूरिनल यहां लगाए गए थे. इसमें न पानी और न ही दरवाजे की व्यवस्था है. बता दें कि एक यूरिनल के सेटअप में लगभग 40 हजार रुपए का खर्च आया था. नगर निगम की योजना का भी खस्ताहाल है. 3 साल पहले दो आधुनिक शौचालय का निर्माण कराया गया था, जो वर्तमान में बंद पड़े हुए हैं.
500 कम्युनिटी टॉयलेट बनाने की योजना
स्थानीय विभूति राम ने बताया कि यहां शौचालय टूटा हुआ है. मजबूरी में उन्हें बाहर शौच करना पड़ता है. डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने कहा कि नगर निगम में जितने भी शौचालय उन्हें पीपीपी मॉडल पर देने का प्लान है . जल्द ही बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पास कराया जाएगा. उप नगर आयुक्त सत्येंद्र वर्मा ने कहा कि निगम में जितने शौचालय हैं, उन्हें ठीक किया जाएगा. यहां 500 कम्युनिटी टॉयलेट बनाने की योजना है. जिसमें से 148 का टेंडर पूरा हो गया है. वहीं, बाकी बचे शौचालयों के लिए एग्रीमेंट की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. बंद पड़े शौचालयों को भी शुरू किया जाएगा.
स्मार्ट टॉयलेट का हाल बेहाल, कहीं लटके हैं ताले तो कहीं गायब दरवाजे 'वाईफाई के नाम पर मिले पैसे की लूट'
विधायक अजीत शर्मा ने बताया कि नगर निगम में मौजूद शौचालयों में से अधिकांश तो बंद पड़े हैं. गोदाम में कई बायो टॉयलेट पड़े हुए हैं. विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि वाईफाई के नाम पर जो पैसे मिले थे, उनमें लूट हुई है. सारा डाटा विधानसभा में रखा गया है, जिसकी जांच चल रही है.