भागलपुर:जिले में बहने वाली नदी गंगा के जलस्तर में प्रति घंटे 1 सेंटीमीटर की वृद्धि हो रही है. तेजी से बढ़ रहे जलस्तर के कारण गंगा नदी शुक्रवार को खतरे के निशान को पार कर गई. इससे नाथनगर, कहलगांव और शहर के कई इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया.
गांव में घुसा बाढ़ का पानी फसल को पहुंचा नुकसान
इस बाढ़ के कारण सैकड़ों एकड़ खेत में लगी सब्जी और मक्के की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. साथ ही सबौर, परघड़ी, जमशी, गोराडीह कई क्षेत्रों में लगी धान की फसल डूब गई है. सुल्तानगंज से लेकर पीरपैंती तक के दियारा क्षेत्र में बाढ़ का मंजर दिखने लगा है. लोग ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं. एनएच 80 को ही बाढ़ प्रभावित लोगों ने अपना आशियाना बना लिया है.
कहां-कहां है बाढ़ की स्थिति
नवगछिया में गंगा खतरे के निशान से 75 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. जबकि कहलगांव में खतरे के निशान से 40 सेंटीमीटर ऊपर चली गयी है. जलस्तर बढ़ने से इस्माइलपुर के बिंद टोली में बांध पर पानी का दबाव बढ़ गया है. इस्माइलपुर के पश्चिमी भिट्टा, रामनगर, कचहरी टोला, कमलाकुंड, नारायणपुर, नेवादास टोला सहित दर्जनों गांव बाढ़ से प्रभावित है. वहीं, कहलगांव में जलस्तर बढ़ने के कारण टपुआ दियारा, रानी दियारा, भोलसर और एकचारी दर्जनों गांव पूरी तरह से बाढ़ के पानी से घिर गया है.
गंगा में उफान के कारण कई गांव में घुसा बाढ़ का पानी जिला प्रशासन है अलर्ट
जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने कहा कि जिले में गंगा का जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. लेकिन इसमें कोई घबराने की बात नहीं है. जिला प्रशासन अलर्ट है. जिले के सभी सीओ को निर्देश दिया गया है. जिले में एनडीआरएफ की 2 टीमें बुला ली गई है. किसी भी हालात से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. गंगा नदी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि गंगा अपनी मुख्य धारा के बीच में बह रही है. इसलिए घबराने वाली कोई बात नहीं है. इसके बावजूद भी पूरा प्रशासन अलर्ट है. उन्होंने कहा कि एनएच विभाग की टीम एनएच को सुधारने में लगी हुई है.