भागलपुर: गर्मी अभी ठीक से शुरू भी नहीं हुई है कि जल संकट गहराने लगा है. जिले में सबसे ज्यादा जल की समस्या सनहौला, कहलगांव और पीरपैंती प्रखंड में रहती है. इस बार भी जल संकट की शुरुआत हो गई है. इसके पीछे कारण भू-जल स्तर का गिरना और इलाके में नहर, तालाब का नहीं होना है. इलाके के कई गांव ऐसे हैं, जहां मई और जून महीने में पीने का पानी भी खत्म हो जाता है. फरवरी माह में 2020 की तुलना में कहलगांव, गोराडीह, सनहौला और पीरपैंती प्रखंड के कई गांव का भू-गर्भ जलस्तर 4 से 6 फीट तक नीचे चला गया है.
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जिला प्रशासन अलर्ट
बता दें कि जिले में जल की समस्या को लेकर जिला प्रशासन भी अलर्ट हो गया है. इस बार जल समस्या से निदान के लिए पीएचईडी विभाग ने दस अलग-अलग ढाबा दल का गठन किया है. जिसमें इंजीनियर के साथ मैकेनिकल और टेक्निकल टीम को लगाया है, जो समस्या का त्वरित निदान करने के लिए कार्य करेगी. ढाबा दल में मोबाइल नंबर के साथ समस्या आने पर उस स्थल तक पहुंचने के लिए जिला प्रशासन के माध्यम से दो पहिया और चार पहिया वाहन तक उपलब्ध कराया है. उसकी मॉनिटरिंग भी जिला नियंत्रण कक्ष से की जाएगी.
2020 से ही पानी की परेशानी शुरू
बता दें कि देश के कई शहरों मेंजल संकट ने विकराल रूप धारण कर लिया है. भविष्य में इसके और गहराने के आसार दिखाई दे रहे हैं. नीति आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक पानी खत्म होने के कगार पर आ जाएगा. इस किल्लत का सामना सबसे ज्यादा दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद के लोगों को करना पड़ेगा. रिपोर्ट के अनुसार, 2020 से ही पानी की परेशानी शुरू हो गई है. यानी कुछ समय बाद ही करीब 10 करोड़ लोग पानी के कारण परेशान होंगे. 2030 तक देश के लगभग 40 फीसदी लोगों तक पीने के पानी की पहुंचे खत्म हो जाएगी. वहीं चेन्नई में आगामी दिनों 3 नदियां 4 जल निकाय और 5 झील और जंगल पूरी तरह से सूख गए हैं. जबकि अन्य कई जगहों पर इन्हीं परिस्थितियों से गुजारना पड़ रहा है. 4 साल पहले भी नीति आयोग ने एक रिपोर्ट में बताया था कि देश में जल संरक्षण को लेकर अधिकांश राज्यों का काम संतोषजनक नहीं है.
जानिए क्या कहते हैं इंजीनियर
भागलपुर पूर्वी क्षेत्र के लोक स्वास्थ्य विभाग के कार्यपालक अभियंता इंजीनियर रणजीत कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि-
2019 में कहलगांव, सनहौला और पीरपैंती प्रखंड में ज्यादा परेशानी हुई थी. लेकिन 2020 में अधिक बारिश होने के कारण परेशानी नहीं हुई थी. इस बार संभावना अधिक है कि पानी का किल्लत होने वाला है. भू-गर्भ जलस्तर नीचे जा रहा है. 2020 के फरवरी महीने की तुलना में इस फरवरी में पानी 7.50 फीट नीचे जा चुका है.-रणजीत कुमार,इंजीनियर