भागलपुर: बिहार में कोरोना की तीसरी (Third Wave Of Corona) लहर की आशंका के बीच कई जिलों में बच्चों में वायरल फीवर (Viral Fever) का कहर शुरू हुआ है. पीड़ितों में सबसे अधिक 5 साल से कम उम्र के बच्चे शामिल हैं, लेकिन भागलपुर (Bhagalpur) में अभी तक इस वायरल फीवर का असर नहीं हुआ है.
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हलांकि भागलपुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 70 बेड के शिशु वार्ड में 50 बच्चों का इलाज चल रहा है. इनमें 20 बच्चे मौसम आधारित बुखार से ग्रसित हैं. जबकि कुछ बच्चे निमोनिया, टाइफाइड, सर्दी, जुकाम से ग्रसित हैं. भागलपुर जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में बीमार बच्चों के लिए सारी व्यवस्था की गई है. डॉक्टरों का मानना है कि मौसम के बदलाव की वजह से वायरल फीवर बच्चों में हो रहा है.
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अजय कुमार ने कहा कि यह मौसमी या फीवर बीमारी है. इस बीमारी में कई तरह के अनजान वायरस बच्चों को परेशान करते हैं. ऐसे में जरूरी है कि बच्चे को अधिक सावधानी से रखें. अधिक लोगों के संपर्क में बच्चे को ना दें. यह बीमारी एक दूसरे से फैलने वाली है. यात्रा के दौरान एहतियात बरतें.
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नेबुलाइजर और ऑक्सीजन इसका दवा है. यह बीमारी 2 महीने के बच्चे से लेकर 10 साल तक के बच्चे को होता है लेकिन एवरेज 2 साल के बच्चे को हो रहा है. वायरल फीवर से बचाव के लिए हाथ को हमेशा साफ रखें, बच्चे को मौसम के अनुकूल कपड़े पहनाएं. सावधानी रखने से बच्चे इस बीमारी से ग्रसित होने से बच सकते हैं.
'इस बीमारी से बचने के लिए गर्म भोजन व स्वच्छ पानी पीयें. वायरल फीवर से ग्रसित बच्चों में डिहाइड्रेशन की भी शिकायत आ रही है. बच्चे के शरीर में पानी की कमी ना हो, इसके लिए ओआरएस का घोल, नमक-चीनी युक्त पानी पिलाने से काफी हद तक सहूलियत मिलेगी. उमस भरी गर्मी के बाद झमाझम बारिश से तापमान गिर रहा है, इसलिए बच्चों में फीवर भी हो रहा है.': अजय कुमार, डॉक्टर, शिशु रोग विशेषज्ञ
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जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधीक्षक डॉ एके दास ने कहा कि अस्पताल के शिशु वार्ड के 70 बेड में से 50 बेड फुल हैं. जिसमें सिजनल फ्लू, सर्दी, खांसी, जुकाम और टाइफाइड के बच्चे इलाजरत है. उन्होंने कहा कि बच्चे का कोविड टेस्ट भी कराया जाता है.