भागलपुर में दो हजार फीट के पुल का निर्माण शुरू भागलपुर:बिहार केभागलपुर में बांस के पुल का निर्माण(Construction of Bamboo Bridge in Bhagalpur)किया जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार की तरफ से नदी के उपर पुल नहीं बनाए जाने के कारण हम सभी लोगों ने खुद ही चंदा कर यहां बांस और टीन से पुल बनाने में जुटे हैं. ताकि ग्रामीण किसी इमरजेंसी में इस पार से उस पार जा सके. ग्रामीण ने बताया कि कुर्सेला से बांस मंगवाकर टीन के सहारे गंगा की धारा को मोडने के लिए 'बंडाल' (एक तरह का बैरियर) निर्माण करने में जुटे हैं. इसमें सभी ग्रामीणों की सहयोग से 5-7 लाख रुपये का खर्च हुआ.
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बांस और टीन से नदी के उपर पुल:नवगछिया में सरकारी मदद नहीं मिलने के बावजूद भी लोग खुद से ही बंडाल बनाने में जुटे हैं. बताया जाता है कि रंगरा प्रखंड क्षेत्र के ज्ञानीदास टोला में करीब दो से तीन साल से कटाव हो रहा था. जिससे गांव के लोगों को भारी तबाही का सामना करना पड़ रहा था. तभी ग्रामीणों ने सोचा कि सरकार की मदद के बिना ही हम सभी गांव के लोग गंगा नदी के उपर बांस और टीन की मदद से पुल बना लें.
चचरी बंडाल निर्माण कार्य शुरू:ग्रामीणों के अनुसारसभी गांव के लोगों ने खुद ही रुपये इकट्ठा किए और दो हजार फीट बांस का चचरी (बंडाल) निर्माण कार्य शुरू कर दिया है. इस तरह से पुल निर्माण करने के लिए कई लोगों ने मेहनत किया, जिससे यह लगता है कि लगभग पुल निर्माण का काम पूरा किया गया है.
7 लाख रुपये का हुआ खर्च:यह बंडाल गंगा नदी में उत्तर दक्षिण दिशा में बनाया जा रहा है.इसे बनाने में 1500 के आसपास बांस लगी है. जबकि काम में 20 मजदूरों को लगाया गया है. ग्रामीण विनोद कुमार मंडल ने बताया कि उन्होंने अपने पंचायत स्तर पर चंदा कर कुर्सेला से बांस मंगवाया और टीन के सहारे पुल निर्माण का काम शुरू करवा दिया. इस बंडाल को पुल बनाने में कुल 5-7 लाख रुपया खर्च हो गया है. करीब एक हफ्ते में काम पूरा कर लिया जाएगा.
"अपने पंचायत स्तर पर चंदा कर कुर्सेला से बांस मंगवाया और टीन के सहारे बंडाल निर्माण का काम शुरू करवा दिया. इस बंडाल को बनाने में कुल 5-7 लाख रुपया खर्च हो गया है. करीब एक हफ्ते में काम पूरा कर लिया जाएगा"- विनोद कुमार मंडल, ग्रामीण
कटाव से परेशान हैं ग्रामीण:ग्रामीणों ने कहा कि पिछली बार कटाव में हमारा घर बच गया था. जबकि इस बार नहीं बच पाएगा. इस तरह से लग रहा है कि सरकार ने इस ओर कभी ध्यान देने की कोशिश नहीं की है. हमलोगों ने खुद चंदा कर यह काम शुरू करवाया है. जिसमें की वर्तमान मुखिया, पूर्व मुखिया, सरपंच आदि की भूमिका सराहनीय है. वहां मौजूद ग्रामीणों ने कहा कि जल संसाधन मंत्री के साथ ही सीएम नीतीश कुमार से भी शिकायत की थी. जबकि किसी ने कोई मदद नहीं की.