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भागलपुर: मदरसा में शिक्षक बहाली में धांधली को लेकर ग्रामीणों ने किया हंगामा

भागलपुर में मदरसा में शिक्षक बहाली में अनियमितता को लेकर ग्रामीणों ने हंगामा किया है. ग्रामीणों ने शिक्षकों की अवैध नियुक्ति का आरोप लगाते हुए उसे रद्द करने की मांग की है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Sep 28, 2021, 8:06 AM IST

भागलपुर: बिहार में मदरसा शिक्षक बहाली (Teacher Appointment In Madrasa) को लेकर समय-समय पर अनियमितता और धांधली को लेकर हंगामे की खबरें सामने आती रही हैं. इसके साथ ही मदरसा बोर्ड पर प्रश्न भी खड़े होते रहे हैं. ताजा मामला बिहार के भागलपुर जिले से सामने आया है. जहां मदरसा कोड संख्या-910 तजूल ऊलूम कुरमा टोला महिमाचक में शिक्षक बहाली में अनियमितता का आरोप लगाकर ग्रामीणों ने हंगामा किया.

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मामला कहलगांव प्रखंड का है. ग्रामीणों ने शिक्षकों की अवैध नियुक्ति बताकर इसे रद्द करने की मांग की है. ग्रामीणों का आरोप है कि शिक्षक बहाली को लेकर कोई नोटिफिकेशन नहीं निकाला गया. जिन दो शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, वे पहले से मदरसा में पढ़ा रहे शिक्षक के रिश्तेदार हैं. ग्रामीणों का कहना था कि वैसे अखबारों में नोटिफिकेशन को निकाला गया, जो भागलपुर और कहलगांव में आते ही नहीं. नोटिफिकेशन के नाम पर महज खानापूर्ति की गई है.

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इस संबंध में नियुक्त हुए शिक्षकों से जब बात की गई तो उन्हें भी नियुक्ति प्रक्रिया की ठीक से जानकारी नहीं थी. मदरसे में नव नियुक्त शिक्षिका ने बताया कि परीक्षा कितने नंबर का था, इसकी ठीक-ठीक जानकारी नहीं है. जबकि शिक्षक ने बताया कि आवेदन लिफाफे में भरकर भेजा गया था.

ग्रामीण शेख इब्राहिम ने बताया कि वे मदरसा से रिटायर्ड हुए शिक्षक हैं. उन्होंने बताया कि मदरसा 1979 में स्थापित हुआ था. जिसके वे मेंबर भी थे. लेकिन उस दौरान भी वर्तमान में जो मदरसा में हेड मास्टर हैं, उनकी जब नियुक्ति हुई थी तो जानकारी नहीं मिली थी. इस बार फिर से दो शिक्षकों की नियुक्ति हुई लेकिन कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिन दो शिक्षकों की बहाली हुई है, उसे लेकर जब मदरसा बोर्ड से बात की गई तो बताया गया कि शिक्षक को आपके स्कूल में नियुक्त किया गया है. अब उनसे ही काम लेना है.

देखें रिपोर्ट.

'वर्तमान में नवनियुक्त के शिक्षक कोई काम का नहीं है. शिक्षक सुयोग्य नहीं है. ऐसे शिक्षकों से क्या काम लिया जाएगा. शिक्षक को पढ़ाना नहीं आता है. मदरसा के नियम कानून शिक्षकों को मालूम ही नहीं है. यह पूरी तरह से अवैध बहाली है. इस बहाली को जल्द से जल्द रद्द किया जाए.'-शेख इब्राहिम, रिटायर्ड शिक्षक

'बहाली के दौरान आयोजित परीक्षा 50 या 100 अंक था. मुझे ठीक से मालूम नहीं है. मुझे कॉपी मिली, पूरा जवाब लिखकर जमा कर दिया. नियुक्ति के दौरान सचिव और मदरसा के मेंबर थे. मेंबर में कौन-कौन था, मैं नहीं पहचानती हूं. नियुक्ति की वीडियोग्राफी भी नहीं करायी गयी थी.'-बीबी फरहत आरा, नवनियुक्त शिक्षिका

नवनियुक्त शिक्षक मोहम्मद इसराइल ने बताया कि इंटरव्यू सुबह 10 बजे से शुरू हुआ था. उस इंटरव्यू में 8 से 10 अभ्यर्थी शामिल हुए थे. उनसे पूछा गया कि किस अखबार में उन्होंने नोटिफिकेशन को पढ़ा था, तो उन्होंने कहा कि उनके मित्र ने उन्हें फोन पर बताया पिंनदार समाचार पत्र में मदरसा बोर्ड में शिक्षक बहाली का नोटिफिकेशन छपा है.

उन्होंने व्हाट्सएप पर नोटिफिकेशन को भेजा. उस नोटिफिकेशन को देखने के बाद भागलपुर में उन्होंने अखबार को खरीदकर पढ़ा और इसके बाद आवेदन लिखकर लिफाफे में भरकर भेज दिया. इसके बाद उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया जहां उनका सेलेक्शन हुआ और फिर नियुक्ति हुई.

'नोटिफिकेशन पिंनदार अखबार के माध्यम से निकाला गया था. नियुक्ति की प्रक्रिया नियमावली के तहत की गई है. नियुक्ति के दिन मदरसा के सचिव और सभी सदस्य मौजूद रहे. इतना हमें नहीं पता है कि कौन सा पेपर कहां छपता है. इंटरव्यू में कुल 8 कैंडिडेट आए थे.'-जावेद अकरम, प्रधानाध्यापक

इस संबंध में जब जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार से बात करने की कोशिश की गयी तो वे पटना हाई कोर्ट में थे. इसलिए उनसे पूरी बात नहीं हो पाई. बताते चलें कि शिक्षिका बीबी फरहत आरा की नियुक्ति मौलवी पद के लिए हुई है. जबकि मोहम्मद इसराइल की नियुक्ति मैट्रिक ट्रेंड पद के लिए हुआ है. दोनों एक ही गांव के रहने वाले हैं. दोनों का नियुक्ति पत्र बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशन बोर्ड पटना के सेक्रेटरी द्वारा निर्गत किया गया है. दोनों का पे-स्केल नोटिफिकेशन के आधार पर नोटिफिकेशन नंबर- 230 दिनांक 5:03 2019 के तर्ज पर है.

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