बिहार

bihar

ETV Bharat / state

bihar Srijan scam: सीबीआई की कार्रवाई, भागलपुर से उमेश सिंह को गिरफ्तार कर ले गयी पटना

सृजन घोटाला मामले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है. सीबीआई की टीम ने सबौर के शांतिनगर से एक कर्मचारी उमेश सिंह को गिरफ्तार (Umesh Singh arrested from Bhagalpur in Srijan scam) किया. बताया जा रहा है कि इस घोटाले में उमेश सिंह भी सीबीआइ के रडार पर थे.

Srijan scam
Srijan scam

By

Published : Mar 16, 2023, 3:32 PM IST

पटनाः बिहार के चर्चित सृजन घोटाला मामले में CBI की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई की है. गुरुवार की अहले सुबह करीब 4 बजे ही सीबीआई की दो सदस्यीय टीम ने सबौर के शांतिनगर से एक कर्मचारी उमेश सिंह को गिरफ्तार (Umesh Singh arrested from Bhagalpur in Srijan scam) किया. गिरफ्तारी के बाद सीबीआई की टीम उमेश सिंह को लेकर सदर अस्पताल पहुंची. उसका स्वास्थ्य परीक्षण कराने के बाद CBI की टीम उमेश सिंह को लेकर पटना रवाना हो गयी. बताया जा रहा है कि उमेश सिंह लंबे समय से सीबीआइ के रडार पर थे.

इसे भी पढ़ेंः भागलपुर: सृजन घोटाले के मुख्य आरोपी अमित कुमार और रजनी प्रिया की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू

सीबीआई कर रही जांचः सृजन घोटाला की जांच लंबे समय से चल रही है. इस घोटाले की जांच के दौरान कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पिछले साल ही सीबीआई ने DRDA के निलंबित लिपिक अरुण कुमार को भागलपुर से गिरफ्तार किया था. सृजन घोटाले की किंगपिन मनोरमा देवी के बेटे अमित कुमार और बहू रजनी प्रिया शुरू से ही फरार हैं. 11 जनवरी 2023 को कोर्ट से जारी की गई इश्तेहार को उनके मकान पर चस्पा किया गया है. सीबीआई ने उनके पुराने आवास तिलकामांझी स्थित न्यू विक्रमशिला कॉलोनी में तीन मकानों पर नोटिस चस्पा किया है.

अब तक कई गिरफ्तार हुएः सृजन घोटालेमें अभी तक कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इनमें कई बैंक अफसर से लेकर किरानी तक शामिल हैं. सरकारी राशि का सृजन के माध्यम से सीधा लाभ लेने वाले कई बड़े व्यवसाई भी सलाखों के पीछे हैं. जिस में तथा कथित बीजेपी के विपिन शर्मा, पीके घोष और एन वी राजू शामिल है. बहुचर्चित सृजन घोटाले में CBI अपना शिकंजा लगातार कसती जा रही है. सीबीआई ने 25 अगस्त 2017 को सृजन घोटाले की जांच शुरू की थी. अभी तक कई बैंक के अधिकारियों से लेकर कलर्क व क्लर्क सलाखों के पीछे हैं. सृजन एनजीओ के खाते में सरकारी विभागों की राशि ट्रांसफर की गई थी. इसके बाद राशि का बंदरबांट हुआ था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details