भागलपुर: जिले में जल जीवन हरियाली अभियान के तहत खेतों में जल संचय की योजना शुरू हो गई है. आवेदन विभाग के डीबीटी पोर्टल पर लिया जा रहा है. इसको तरीके से लागू करने के लिए भूमि संरक्षण विभाग, कृषि सलाहकार और समन्वयक को जल संरक्षण को लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जल जीवन हरियाली मिशन को प्रभावी तरीके से धरातल पर उतारने के लिए सभी कृषि सलाहकार और समन्वयकों को प्रशिक्षण दिया गया है.
मॉडलों के बारे में विस्तार से जानकारी
भूमि संरक्षण विभाग के उप निदेशक ने सभी प्रखंडों के मास्टर ट्रेनर को जल संरक्षण के सभी मॉडलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी है. अब मास्टर ट्रेनर प्रखंडों में जाकर सभी कृषि सलाहकार और समन्वयकों को प्रशिक्षण देंगे. इससे जल जीवन हरियाली मिशन में तेजी आएगी. इस दौरान जल संरक्षण के सभी 6 मॉडलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई.
6 मॉडलों के बारे में दी गई जानकारी अधिक संख्या में आवेदन
कृषि पदाधिकारी कृष्णकांत झा ने बताया कि जल जीवन हरियाली मिशन के तहत खेतों में भी जल संचय करने को लेकर सरकार की योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए जिले के सभी प्रखंडों के एक-एक कृषि सलाहकार और समन्वयक को प्रशिक्षण दिया गया है. ताकि वह अपने प्रखंडों में जाकर समन्वयक और किसान सलाहकार को प्रशिक्षण दे सके और खेतों में जल संचय को कराने के लिए जो मॉडल बताए गए हैं, उसका निर्माण कराया जा सके. उन्होंने कहा कि जिले में बहुत अधिक संख्या में आवेदन आए हैं. जिसका सत्यापन किया जा रहा है. सत्यापन के बाद किसान के खाते में सीधे पैसा चला जाएगा.
जलाशय का निर्माण कराने की अपील
इसके तहत किसान को एक एकड़ भूमि के 10वें हिस्से में जलाशय का निर्माण कराने की अपील की है. साथ ही वैसे भूमि जिसके बीच का हिस्सा ऊंचा हो और बार-बार सिंचाई की जरूरत पड़ती हो, वहां भूमि के निचले हिस्से में जल संरक्षण करना के बारे में बताया गया है. साथ ही पठारी क्षेत्रों में जल संरक्षण ढलान के हिसाब से करने के बारे में बताया गया है. जिससे ना केवल वर्षा जल का संरक्षण होता है. बल्कि किसान उस पानी का उपयोग सालों भर अपने खेतों की सिंचाई के लिए भी करते हैं.