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भागलपुर: सृजन घोटाले के मुख्य आरोपी अमित कुमार और रजनी प्रिया की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू - सृजन घोटाला आरोपी

भागलपुर में सृजन घोटाले के मुख्य आरोपी अमित कुमार और रजनी प्रिया की संपत्ति जब्ती शुरू हो गई है. बता दें यह घोटाला 16 सौ करोड़ रुपये से अधिक सरकारी राशि के अवैध हस्तांतरण से जुड़ा हुआ है.

srijan scam
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Published : Dec 10, 2020, 1:25 PM IST

Updated : Dec 10, 2020, 2:45 PM IST

भागलपुर:बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाले के मुख्य आरोपी अमित कुमार और रजनी प्रिया की संपत्ति जब्ती शुरू हो गई है. भागलपुर के तिलकामांझी स्थित न्यू विक्रमशिला कॉलोनी प्रभावती लैंड संपत्ति जब्ती की जा रही है. भागलपुर सहित कई जगहों पर अमित और प्रिया की कई संपत्ति है. जिसे जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी. हालांकि इस मामले में दोनों फरार चल रहे हैं.

इस मामले में सदर एसडीओ ने तीन सीओ को अधिकृत किया है. भागलपुर के विक्रमशिला कॉलोनी स्थित संपत्ति जब्ती की कार्रवाई में अंचल अधिकारी, सीबीआई के अधिकारी, इशाकचक थाना और तिलकामांझी थाना पुलिस मौजूद है.

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क्या है सृजन घोटाला
16 सौ करोड़ रुपये से अधिक सरकारी राशि के अवैध हस्तांतरण से जुड़ा यह घोटाला एक एनजीओ, नेताओं, सरकारी विभागों और अधिकारियों के गठजोड़ का परिणाम है. इसमें शहरी विकास के लिए भेजे गए पैसे को गैर-सरकारी संगठन के एकाउंट में पहुंचाया गया. वहां से पैसों का बंदरबांट हुआ.

पैसे पर दिया जाता था ब्याज
मनोरमा देवी ने 1993-94 में 'सृजन महिला विकास सहयोग समिति' शुरू की थी. 1996 में सृजन को सहकारिता विभाग में को-ऑपरेटिव सोसाइटी के रूप में मान्यता मिली थी. को-ऑपरेटिव सोसाइटी के रूप में सदस्य महिलाओं के पैसे जमा भी किए जाते थे. इस जमा पैसे पर उन्हें ब्याज दिया जाता था. 2007-2008 में सृजन को-ऑपरेटिव बैंक खुल गया. इसके बाद घोटाले का खेल शुरू हुआ.

कई फर्जी ग्रुप बने
भागलपुर सरकारी खजाने का पैसा सृजन को-ऑपरेटिव बैंक के खाते में ट्रांसफर होता था. फिर इस पैसे को बाजार में लगाया जाता था. सृजन में स्वयं सहायता समूह के नाम पर कई फर्जी ग्रुप बने. उनके खाते खुले और इन खातों के माध्यम से नेताओं और अधिकारियों का काला धन सफेद किया जाने लगा.

Last Updated : Dec 10, 2020, 2:45 PM IST

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