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भागलपुर: शहर में आवारा जानवरों से लोग परेशान, स्मार्ट सिटी को लेकर उड़ाया जा रहा मजाक - bhgalpur stray animals

सरकार इन पशुओं की देखरेख एवं संरक्षण को लेकर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. लेकिन जिला पशुपालन विभाग की लापरवाही के कारण स्मार्ट सिटी के मुख्य सड़कों पर मवेशियों को घूमते देखा जा सकता है .

आवारा जानवरों के आतंक से परेशान भागलपुर

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Published : Aug 13, 2019, 7:34 AM IST

भागलपुर: रेशमी शहर इन दिनों आवारा जानवरों के आतंक से परेशान है. शहर में कुत्तों व बंदरों समेत आवारा पशुओं की अनुमानित संख्या छह हजार के करीब है. शहर के सभी मोहल्ले में अनगिनत आवारा कुत्ते सड़कों पर घूमते रहते हैं. इलाके से गुजरने वाले लोग कई बार इसका शिकार हो चुके हैं.

कचरे के बीच जिंदगी गुजार रही गायें

कचरे के बीच जिंदगी गुजार रही गाय
आवारा जानवरों के कारण शहर के बच्चे और बूढ़े अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं. इन सब के बावजूद आवारा जानवरों को पकड़ने का अभियान ठप पड़ा हुआ है. सरकार इन पशुओं की देखरेख एवं संरक्षण को लेकर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. लेकिन जिला पशुपालन विभाग की लापरवाही के कारण स्मार्ट सिटी की मुख्य सड़कों पर मवेशियों को घूमते देखा जा सकता है .

चलंत मोबाइल चिकित्सा वाहन बना प्रर्दशनी
आवारा पशुओं के संरक्षण और स्वास्थ्य की बेहतरी सरकार ने चलंत मोबाइल चिकित्सा वाहन भी दिया है. लेकिन वर्तमान में ये वाहन पशुपालन विभाग की शोभा बन कर रह गया है. सड़क पर दिन भर आवारा गायें दौड़ती रहती हैं. लेकिन निगम असहय बना हुआ है.

चलंत मोबाइल चिकित्सा वाहन

शिकायत के बाद भी कारवाई नहीं होती
स्थानीय लोगों का कहना है कि बहुत बार निगम के पास शिकायत भी दर्ज कराई .लेकिन हर बार निगम कर्मियों के टालमटोल व्यवहार के कारण निराश होकर लौटना पड़ता है. वहीं निगम प्रशासन की मानें तो पशुओं को पकड़ने पर पशु पालकों के कोप के भंजन का शिकार होना पड़ता है. जिस वजह से निगमकर्मी आवरा गायें को पकड़ने से परहेज करते है.

आवारा जानवरों के आतंक से परेशान भागलपुर

6 लाख से ज्यादा पशुओं का हो चुका है टीकाकरण- पशुपालन विभाग
वहीं इस मामले पर पशुपालन विभाग के अश्विनी कुमार सिंह का कहना है की भागलपुर मैं करीब6 लाख से ज्यादा पशुओं का टीकाकरण हो गया है,जिससे पशुगंभीर बीमारियों से ग्रसित नहीं होंगे और समय-समय पर जिले भर में जागरूकता कार्यक्रम के साथ-साथ ब्लॉक लेवल पर वॉलिंटियर्स पशु चिकित्सा के लिए गांव-गांव घूमते रहते हैं.

जल्द होगा समस्या का निदान -नगर आयुक्त
मामले पर नगर निगम की नगर आयुक्त जे.प्रदर्शनी का कहना है,लोगों के द्वारा सूचना मिलने पर निगम के ओर से पशुओं को संरक्षित करने के लिए गौशाला में डिपॉजिट कर दिया जाता है. फिर भी वेंडिंग जोन के अलग-अलग जगह पर होने की वजह से जो घुमंतु पशुओं के पकड़ने के उद्देश्य में सफलता नहीं मिल पा रही हैं. लेकिन वेंडिंग जोन को सिस्टमैटिक होने पर समस्या का निदान जल्द हो जाएगा.

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