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बिहार की बेटी ने बढ़ाया मानः अमेजन में एक करोड़ दस लाख के पैकेज पर बनी सॉफ्टवेयर डेवलपर

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Published : Feb 15, 2020, 3:11 PM IST

बीटेक करने के बाद शेफालिका को अमेरिका के चेन्नई स्थित कंप्यूटर संस्थान में टेस्ट देने के बाद अमेरिकन इंस्टिट्यूट में दाखिला मिला, जिसके बाद उसने मास्टर्स की डिग्री अमेरिका से ही ली. शेफालिका विषम परिस्थितियों में कड़ी मेहनत करके यहां तक पहुंची है.

Shefalika
शेफालिका शेखर

भागलपुरः 'ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले, ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है', किसी शायर की यह पंक्ति भागलपुर की शेफालिका पर बिल्कुल सटीक बैठती है. जिसने अपने आप को इतना बुलंद किया कि भारत के एक छोटे से शहर से निकलकर अमेरिका में अपनी खास जगह बना ली.

दरअसल, अमेरिका की ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी अमेजन ने शेफालिका को 1 करोड़ 10 लाख का ऑफर देकर अपनी कंपनी में जगह दी है. बिहार की ये बेटी अब अमेरिका की अमेजन कंपनी की सॉफ्टवेयर डेवलपर है.

शेफालिका शेखर

बचपन से ही प्रतिभा की धनी हैं शेफालिका
भागलपुर में पली-बढ़ी शेफालिका शेखर शुरू से ही मेहनती और प्रतिभा की धनी रही हैं. शेफालिका की पढ़ाई भागलपुर के ही इंग्लिश मीडियम स्कूल माउंट कार्मेल में हुई. जहां से उसने दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई की. शेफालिका ने इंटर की पढ़ाई भी भागलपुर के सेंट जोसेफ से की. उसके बाद वर्द्धमान इंजीनियरिंग कॉलेज में शेफालिका को सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में दाखिला मिला.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

अमेरिका से ली मास्टर्स की डिग्री
शेफालिका की मां अपनी बेटी की तस्वीरों को देखकर यादें ताजा करती हैं. वे कहती हैं- बीटेक करने के बाद शेफालिका को अमेरिका के चेन्नई स्थित कंप्यूटर संस्थान में टेस्ट देने के बाद अमेरिकन इंस्टिट्यूट में दाखिला मिला, जिसके बाद उसने मास्टर्स की डिग्री अमेरिका से ही ली. उनका कहना है कि वह विषम परिस्थितियों में भी कड़ी मेहनत करके यहां तक पहुंची है. शेफालिका को बचपन से ही कंप्यूटर से काफी लगाव था.

शेफालिका की मां अराधना कुमारी

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लोगों को है शेफालिका पर गर्व
शेफालिका के पिता प्रोफेसर कमल प्रसाद तिलका मांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी में फिजिक्स के प्रोफेसर हैं. पिता के साइंस में होने की वजह उसे भी साइंस से काफी लगाव था. पिछले महीने ही शेफालिका की शादी हुई है. पति भी अमेरिका में जॉब करते हैं. शेफालिका ने बिना रुके अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में अपने हौसलों की उड़ान जारी रखी और अपने लक्ष्य को हासिल किया. भागलपुर के लोग अपनी इस बेटी की कामयाबी पर गर्व महसूस कर रहे हैं.

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