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गड्ढों भरी सड़क साफ करने के लिए नगर निगम ने खरीदी स्मार्ट मशीन, पड़ी-पड़ी हो रहीं खराब

भागलपुर को स्मार्ट बनाने के नाम पर किस तरह पैसे खर्च किए गए और उससे फायदा क्या मिला इसकी बानगी स्मार्ट स्वीपिंग मशीन के इस्तेमाल में देखी जा सकती है. शहर को स्मार्ट बनाने के नाम पर नगर निगम ने दो हाइटेक स्वीपिंग मशीन खरीद ली. ये मशीनें अच्छी सड़कों की ही सफाई कर सकती हैं. गड्ढों वाली सड़क पर इनका इस्तेमाल नहीं हो सकता.

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Published : Dec 12, 2020, 1:45 AM IST

Updated : Dec 15, 2020, 10:52 PM IST

भागलपुर: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में भागलपुर के शामिल हुए 5 साल हो गए, लेकिन शहर को स्मार्ट बनाने की योजनाएं अभी तक धरातल पर नजर नहीं आ रही हैं. न शहर की सड़कों पर बने गड्ढे पट पाए और न सफाई की मुकम्मल व्यवस्था हो सकी. शहर को स्मार्ट बनाने के नाम पर पैसे भले पानी की तरह बहाए गए, लेकिन उसका असर जमीन पर कम ही दिखा.

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शहर को स्मार्ट बनाने के नाम पर किस तरह पैसे खर्च किए गए और उससे फायदा क्या मिला इसकी बानगी स्मार्ट स्वीपिंग मशीन के इस्तेमाल में देखी जा सकती है. शहर को स्मार्ट बनाने के नाम पर नगर निगम ने दो हाइटेक स्वीपिंग मशीन खरीद ली. ये मशीनें अच्छी सड़कों की ही सफाई कर सकती हैं. गड्ढों वाली सड़क पर इनका इस्तेमाल नहीं हो सकता.

बेकार बड़ी है मशीन

मशीन खरीद लिया, ठीक न हो पाईं सड़कें
नगर निगम ने 60 लाख रुपए खर्च कर हाइटेक मशीन तो खरीद लिया, लेकिन शहर के गड्ढों को भर न पाई. नतीजा यह हुआ कि मशीनें शहर की सफाई करने में असमर्थ हैं. दोनों मशीनें धूल खा रहीं हैं. इस्तेमाल न होने के चलते इनके कल-पुर्जे खराब हो रहे हैं. जब कभी शहर में किसी वीआईपी का आगमन होना होता तब इन्हें सड़क पर निकाला जाता है.

2017 में खरीदी गई थीं दो मशीनें
स्मार्ट सिटी योजना के पैसे से दो हाईटेक स्वीपिंग मशीन की खरीद 2017 में की गई थी. 30-30 लाख रुपए की दोनों मशीनें तीन साल से खुले आसमान के नीचे रखी हैं. मशीन में लगी बैटरी डिस्चार्ज हो गयी है. स्टेयरिंग, गियर और चक्का भी जाम हो गया है. जब शहर की सड़कें स्मार्ट हो जाएंगी तब इस मशीनों को इस्तेमाल से पहले ठीक कराने में नगर निगम प्रशासन को लाखों रुपए खर्च करने पड़ेंगे. ऐसे में सवाल उठता है कि जब शहर की सड़कें ठीक नहीं थी तो इतनी महंगी मशीनें क्यों खरीदी गईं?

काम नहीं कर रही मशीन

नगर निगम ने जिस हाईटेक स्वीपिंग मशीन की खरीद की है. उसके इस्तेमाल के लिए अच्छी सड़क का होना जरूरी है. गड्ढों वाली सड़क पर मशीन काम नहीं कर पाती. शहर का कोई ऐसा सड़क नहीं है, जिसकी सफाई इससे हो सके. भागलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को दो अलग-अलग कंपनियों ने स्वीपिंग मशीन (वजेट मशीन) की आपूर्ति की थी, जिसमें दिल्ली की डीपीएस इंफ्रास्ट्रक्चर और पटना की मोरिया मोटर शामिल है.

मशीन की खासियत
इस मशीन की खासियत है कि 800 से लेकर 1000 किलोग्राम डस्ट का भंडारण कर सकती है. 1 घंटे में यह 5 से 8 किलोमीटर तक सड़क की सफाई कर सकती है. 15 मजदूरों का काम अकेली मशीन कर सकती है. यह सड़क किनारे से रेपर और डस्ट उठाने में सक्षम है. मशीन में जमा हुए धूल को सीधे कंपेक्टर में डालने की भी सुविधा है. एनजीटी ने भी स्वीपिंग मशीन से स्मार्ट सिटी की सफाई का निर्देश दिया है.

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का हाल

मशीन आ गई तो सड़क भी हो जाएगा स्मार्ट
"शहर स्मार्ट सिटी के डायरेक्शन में जा रहा है. धीरे-धीरे स्मार्ट हो रहा है. इसलिए शहर में स्मार्ट मशीन भी होना चाहिए. छोटे और कम तकनीक वाले मशीन से शहर में काम नहीं हो सकता. इसलिए बड़ी और अच्छी तकनीक वाली मशीनें चाहिए. अगर यहां पहले से हाइटेक मशीन खरीदकर रखी गई है तो यह अच्छी बात है. आने वाले दिनों में शहर की सफाई स्वीपिंग मशीन से कराई जाएगी. जब मशीन आ गई है तो सड़क भी स्मार्ट हो जाएगा."- जे प्रियदर्शनी, नगर आयुक्त, भागलपुर

Last Updated : Dec 15, 2020, 10:52 PM IST

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