भागलपुर:जिले के श्रम कार्यालय परिसर में कंट्रक्शन वर्कर फेडरेशन की ओर से मजदूरों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस, विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व एक्टू के महासचिव एसके शर्मा कर रहे थे. मौके पर सैकड़ों महिला और पुरुष मजदूर शामिल थे.
'सरकार ने मजदूर वर्ग पर किया है हमला'
प्रदर्शन कर रहे लोगों को संबोधित करते हुए एक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने बताया कि वर्तमान में मोदी सरकार ने मजदूर वर्ग पर हमला कर दिया है. काफी लंबी लड़ाई के बाद मजदूरों के हितों के लिए 44 तरह के कानून बनाए गए थे. लेकिन केंद्र सरकार ने इसको हटाकर चार कोड बिल लागू कर दिया है. इस नए बिल में मजदूरों के लिए गुलामी के अलावा कुछ नहीं है.
एस.के. शर्मा , एक्टू राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ये भी पढ़ें-सदन में उठा NIOS DELED का मुद्दा, बोले मनोज झा- ये 14 लाख परिवारों से जुड़ा मामला
राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन की चेतावनी
एसके शर्मा ने बताया कि वर्तमान सरकार की नीति मजदूर विरोधी है. सरकार मजदूरों के हितों के लिए पुरानी कानून को बहाल करें. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि मजदूरों की मांगों पर विचार किया जाए. मांगे नही माने जाने पर राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा. इस संबंध में उन्होंने अपनी मांगों का ज्ञापन श्रम आयुक्त को सौंप.
'पब्लिक सेक्टर को बेचने का षड्यंत्र हो रहा'
एक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने बताया कि कंट्रक्शन वर्कर फेडरेशन के आह्वान पर देश के सभी जिला मुख्यालयों में मोदी सरकार के मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कारपोरेट घरानों को लाभ दिलाने के लिए मजदूरों पर अप्रत्यक्ष हमला किया गया है. पूरे देश में मजदूरों लिए कल्याण कोष में 40 हजार करोड़ रुपए जमा है. सरकार उस पैसे को अपने अंदर लेकर कॉर्पोरेट घरानों को देने की व्यवस्था कर रही है. सरकार पब्लिक सेक्टर को बेचने का षड्यंत्र रच रही है.