भागलपुर: बिहार में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है (Rain disrupts life). भागलपुर में बाढ़ (flood in bhagalpur) से 12 प्रखंड के लगभग 140 गांव प्रभावित हैं. बाढ़ का सबसे ज्यादा कहर दियारा क्षेत्र में है. भारी संख्या में दियारा क्षेत्र के लोग पलायन करके ऊंचे स्थानों पर जा चुके हैं. लेकिन अभी सैकड़ों की संख्या में लोग पानी के बीच छप्पर पर रह रहे हैं. जिससे यहां के लोगों को पीने के पानी और शौचालय की समस्या हो रही है. फिर भी सामान चोरी होने के डर से लोग घर छोड़कर नहीं जा रहे हैं.
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बता दें कि नाथनगर प्रखंड के शंकरपुर, दारापुर और चौवनिया दियारा में दर्जनों परिवार रह रहे हैं. यहां रह रहे लोग रोजाना नाव से पीने के पानी के लिए आदमपुर या बूढ़ानाथ मोहल्ले से आकर का पानी डब्बे में भरकर ले जाते हैं. वहीं, घर जलमग्न होने से लोगों को शौचालय की समस्या बनी हुई है.
परिवार के लिए पानी लाने जा रही कंचन देवी ने बताया कि घर छोड़कर सभी लोग नहीं जा सकते क्योंकि घर में सामान है. इसलिए हम घर नहीं छोड़ रहे हैं. पूरे घर में पानी भरा हुआ है. घर में 14 सदस्य हैं,सभी के लिए पानी लाना पड़ता है. यदि प्रशासन गांव में नाव के माध्यम से पीने की पानी की व्यवस्था करवा दे तो लोगों को पीने की पानी की समस्या नहीं होगी. शौचालय के लिए काफी दिक्कत हो रही है.
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मुनीलाल मंडल बताया कि घर पानी में डूबने के बावजूद हमारे गांव शंकरपुर में सैकड़ों घर में लोग रह रहे हैं. कुछ लोग गाय, भैंस और बकरी को लेकर शिविर में गये हैं. घर पर रह रहे लोगों को पीने की पानी की समस्या हो रही है. रोज सुबह नाव से शहर आकर पानी लेकर जाते हैं. जिला प्रशासन द्वारा पीने की पानी की व्यवस्था करवा दिया जाए तो समस्या का समाधान हो जाएगा.
बाढ़ से नाथनगर प्रखंड के महाशय डोयोडी ,चंपानगर, साहिबगंज ,शंकरपुर दियारा ,दिलदारपुर दियारा. सबौर के नवटोलिया, जियाउद्दीन चौका, फतेहपुर, बाबूपुर के हजारों घर जलमग्न हैं. जिले की करीब सात लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है. कुछ लोग घर के सामान, बच्चे, वृद्ध और मवेशी को लेकर राहत शिविर या फिर सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं.
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