भागलपुरः लॉकडाउन की वजह से मायूस आम के शौकीन लोगों के लिए खुशखबरी है. जिले का प्रसिद्ध जर्दालु आम अब डाक से आपके घर पहुंचेगा. लॉकडाउन को देखते हुए उद्यान विभाग और डाक विभाग ने मिलकर सॉफ्टवेयर के जरिए लोगों के घरों तक आम पहुंचाने की पहल शुरू की है. देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश को सौगात के तौर पर यह आम 14 सालों से भेजा जा रहा है.
जर्दालु आम की मांग
भागलपुर में लगभग 25 हजार किसान आम के उत्पादन से जुड़े हुए हैं. देश में बढ़ते जर्दालु आम की मांग को देखते हुए कई किसानों ने अपनी खेती छोड़कर आम उत्पादन को ही अपना मुख्य पेशा बना लिया है. किसानों ने अपनी खेती को बगीचे में विकसित कर लिया है. जर्दालु आम का निर्यात देश के कई राज्यों में किया जाता है. साथ ही नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों में भी इसे काफी पसंद किया जाता है.
7 हजार से 8 हजार टन उत्पादन
बता दें कि भागलपुर में लगभग 7 हजार से 8 हजार टन जर्दालु आम का उत्पादन प्रतिवर्ष किया जाता है. यहां के किसानों के लिए जर्दालु आम किसी वरदान से कम नहीं है. वे इससे काफी मुनाफा कमाते हैं. शुरुआती दौर में यहां 5 सौ एकड़ में इसकी खेती की जाती थी. लेकिन अब जर्दालु के बगीचे तकरीबन जर्दालु आम की मांग से ज्यादा क्षेत्र में फैले हुए हैं.
आम की फसल से ज्यादा कमाई
किसानों को भी हर साल कम मेहनत में अनाज की तुलना में आम की फसल में ज्यादा कमाई होती है. आम का उन्पादन करने वाले किसान ने बताया कि आम की तो बहुत सारी वैरायटी मौजूद है. लेकिन जरदालु आम सुपाच्य है और हर तरह के लोग इसे खा सकते हैं. जिससे इसकी काफी डिमांड है.
जर्दालु आम और शाही लीची की ऑनलाइन बुकिंग
भागलपुर में स्थित राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय में हर साल प्रसिद्ध जर्दालु आम की प्रदर्शनी वृहद पैमाने पर जाती है. जिसे देखने के लिए काफी दूरदराज से भारी संख्या में किसान पहुंचते हैं. आम के लिए ऑनलाइन डिलीवरी अभी बस पटना और भागलपुर के लोगों के लिए 1 तारीख के बाद शुरू की जाएगी. बता दें कि उद्यान विभाग ने भागलपुर का जर्दालु आम और मुजफ्फरपुर की लीची की ऑनलाइन बुकिंग शुरू की है.